माले, 25 जनवरी। मालदीव सरकार के भारत विरोधी रवैये से नाराज दो मुख्य विपक्षी दलों ने बुधवार को अपना विरोध दर्ज कराया है। विपक्षी दलों ने भरोसेमंद पड़ोसी भारत को सबसे पुराना सहयोगी बताते हुए सरकार के भारत विरोधी रुख पर चिंता जताई। मालदीव के दो राजनीतिक दलों मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) और डेमोक्रेट्स ने भारत के समर्थन में यह बात सरकार द्वारा चीन के जासूसी पोत को माले के बंदरगाह पर ठहरने की अनुमति देने के बयान के एक दिन बाद कही।

एमडीपी अध्यक्ष व पूर्व मंत्री फैयाज इस्माइल व संसद उपाध्यक्ष सांसद अहमद सलीम ने डेमोक्रेट पार्टी अध्यक्ष सांसद हसन लतीफ और संसदीय समूह के नेता सांसद अली अजीम के साथ बुधवार को संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि देश की सरकारों को मालदीव के लोगों के लाभ के लिए सभी विकास भागीदारों के साथ काम करना चाहिए। अब तक मालदीव पारंपरिक रूप से यही करता आया है। हिंद महासागर में स्थिरता और सुरक्षा मालदीव की स्थिरता और सुरक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि वर्तमान सरकार भारत विरोधी रुख अपना रही है। देश के सबसे पुराने सहयोगी को अलग करना देश के दीर्घकालिक विकास के लिए हानिकारक होगा। 87 सदस्यीय सदन में दोनों दलों के पास 55 सीटें हैं।