कोलकाता, 7 नवंबर । वक्फ संशोधन विधेयक पर विचार के लिए गठित संयुक्त संसदीय समिति की अगली बैठकों का बहिष्कार करने का निर्णय विपक्षी दलों के सदस्यों ने लिया है। यह घोषणा गुरुवार को तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने की। जेपीसी के 31 सदस्यों में से एक सांसद बनर्जी ने समिति के अध्यक्ष और भाजपा सांसद जगदंबिका पाल पर तानाशाही और मनमानी रवैया अपनाने का आरोप लगाया है।
सांसद बनर्जी ने गुरुवार को कोलकाता प्रेस क्लब में मीडियाकर्मियों से कहा कि जेपीसी की आगामी बैठकों में विपक्षी सदस्य शामिल नहीं होंगे। यह बैठकें शनिवार, नौ नवंबर से शुरू होंगी और अगले छह दिनों तक गुवाहाटी, भुवनेश्वर, कोलकाता, पटना, और लखनऊ में आयोजित की जाएंगी, जिसमें रविवार का दिन अवकाश होगा। बनर्जी ने यह भी बताया कि विपक्षी सांसदों ने 5 नवंबर को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात की और इस कार्यक्रम को टालने की मांग की। साथ ही उन्होंने जेपीसी की बैठकों की आवृत्ति को घटाकर प्रति सप्ताह एक दिन या हर पखवाड़े दो लगातार दिन करने की अपील की।
बनर्जी के अनुसार, लोकसभा अध्यक्ष ने उनके अनुरोध पर ‘सहानुभूतिपूर्वक’ विचार करने और समिति के अध्यक्ष से बात करने का आश्वासन दिया था लेकिन इसके बाद कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। बैठकों के पुनर्निर्धारण की मांग पर तृणमूल नेता बनर्जी ने कहा कि सभी सांसदों को अपने निर्वाचन क्षेत्रों में अन्य महत्वपूर्ण आधिकारिक कार्य भी करने होते हैं और जनता से मिलना होता है। उन्होंने आरोप लगाया कि वक्फ विधेयक से जुड़े महत्वपूर्ण हितधारकों को पर्याप्त समय नहीं दिया जा रहा है, जबकि जिनका इससे कोई सरोकार नहीं है, उन्हें बुलाया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि सत्ताधारी दल के सदस्य अपने एजेंडे पर काम कर रहे हैं, जो कि राष्ट्रहित में नहीं है।