नई दिल्ली, 6 अगस्त । बिहार में विशेष सघन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर लोकसभा में बुधवार को भारी हंगामा हुआ। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के सदस्य इस मुद्दे पर चर्चा की मांग करते हुए सदन के भीतर नारेबाजी करने लगे, जिसके कारण लोकसभा की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

सुबह 11 बजे जब लोकसभा की कार्यवाही शुरू हुई, तो विपक्षी सदस्य हाथों में तख्तियां लेकर उठ खड़े हुए और जोर-जोर से नारे लगाने लगे। वे विशेष सघन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से जवाब मांग रहे थे और इस पर सदन में चर्चा करने की मांग कर रहे थे।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन की कार्यवाही शुरू करते हुए इन सदस्यों से अपनी सीटों पर वापस बैठने और प्रश्नकाल को चलने देने की अपील की। हालांकि, विपक्षी सदस्य अपनी नारेबाजी जारी रखते हुए लोकसभा के मध्य में चले गए, जिसके कारण सवाल-जवाब का समय प्रभावित हुआ। बार-बार अपील के बावजूद विपक्षी सदस्य शांत नहीं हुए, और इसी वजह से अध्यक्ष बिरला ने कार्यवाही को 12 बजे तक स्थगित कर दिया।

12 बजे जब लोकसभा की कार्यवाही फिर से शुरू हुई, तो विपक्षी सदस्य फिर से उग्र हो गए। इस पर पीठासीन अधिकारी दिलीप सैकिया ने कहा कि बार-बार कार्यवाही में विघ्न डालना लोकसभा की गरिमा को नुकसान पहुंचाता है। उन्होंने सदस्यों से आग्रह किया कि वे सदन की कार्यवाही को सामान्य रूप से चलने दें, क्योंकि ऐसा व्यवहार न केवल लोकसभा की प्रतिष्ठा को आघात पहुंचाता है, बल्कि पूरे देश को निराश करता है।

जब हंगामा जारी रहा, तो लोकसभा अध्यक्ष ने सदन को दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। इस मुद्दे पर विपक्षी दलों का आरोप है कि बिहार में एसआईआर के तहत कई लोगों को अनावश्यक रूप से परेशान किया जा रहा है और यह मामला गंभीर है, जिस पर प्रधानमंत्री को जवाब देना चाहिए।