कोलकाता, 03 अक्टूबर । पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस को गुरुवार को कलकत्ता विश्वविद्यालय के बाहर काले झंडे दिखाए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हर किसी को विरोध करने का अधिकार है। उन्हें यह तय करना होगा कि वे किस प्रकार से विरोध करना चाहते हैं।

जब उनसे पूछा गया कि तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद के समर्थक विरोध कर रहे थे, तो उन्होंने कहा कि राजनीतिक पार्टियों को विरोध करने का अधिकार है।

कलकत्ता विश्वविद्यालय की कार्यवाहक कुलपति शांता दत्ता ने बताया कि विरोध करने वाले लोग विश्वविद्यालय के छात्र नहीं थे, बल्कि बाहरी लोग थे, जिनकी विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश पर पहले से ही रोक थी। माननीय हाई कोर्ट ने हमारे प्रमाणपत्र और डिप्लोमा वितरण समारोह का रास्ता साफ किया था, इसलिए हमने समारोह का आयोजन किया और चांसलर को आमंत्रित किया।

उन्होंने यह भी कहा कि छात्रों की इच्छा थी कि यह समारोह बिना किसी बाधा के पूरा हो, क्योंकि प्रमाणपत्र न मिलने से उन्हें करियर और नौकरी के अवसरों में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था।

टीएमसीपी कथित रूप से विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा स्थायी कुलपति की अनुपस्थिति में पुरस्कार समारोह आयोजित करने के तरीके का विरोध कर रही थी। इस कारण, कलकत्ता विश्वविद्यालय आधिकारिक दीक्षांत समारोह आयोजित नहीं कर सका था।

राज्यपाल, जो कलकत्ता विश्वविद्यालय के पदेन चांसलर भी हैं, ने कॉलेज स्ट्रीट परिसर में आयोजित प्रमाणपत्र और पदक वितरण समारोह की अध्यक्षता की।

समारोह के दौरान किसी भी अप्रिय घटना को रोकने और राज्यपाल की सुरक्षित एंट्री सुनिश्चित करने के लिए कॉलेज स्ट्रीट परिसर के चारों ओर भारी पुलिस बल तैनात था। टीएमसीपी समर्थकों ने राज्यपाल के खिलाफ नारेबाजी भी की।