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कोलकाता, 10 जून । महानगर कोलकाता की लाइफ लाइन कहीं जाने वाली मेट्रो के बिजली गुल होने पर यात्रियों सहित टनल में फंसने की घटनाओं पर अब विराम लगेगा।
मेट्रो रेलवे कोलकाता बैटरी आधारित ऐसी तकनीक का इस्तेमाल करने जा रहा है, जिसके जरिये अचानक बिजली ठप पड़ जाने की स्थिति में यात्रियों से भरी ट्रेन को नजदीकी स्टेशन तक पहुंचाने में मदद मिलेगी। मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कौशिक मित्रा ने सोमवार को इसकी पुष्टि की। उन्होंने बताया कि यह तकनीक देश में पहली बार इस्तेमाल की जा रही है।
उत्तर से दक्षिण तक कोलकाता को जोड़ने वाले दक्षिणेश्वर-न्यू गरिया कॉरिडोर (ब्लू लाइन) पर बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (बीईएसएस) लगाया जा रहा है जिसके इस साल के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है।
मेट्रो के प्रवक्ता ने बताया कि यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और ऊर्जा खपत में सुधार करने वाली यह सुविधा देश में इस तरह की अनूठी पहल होगी।
भारत की सबसे पुरानी मेट्रो सेवा ब्लू लाइन में यह नयी तकनीक इनवर्टर और एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल (एसीसी) बैटरी के संयोजन से तैयार होगी।
एसीसी नयी पीढ़ी की उन्नत ऊर्जा भंडारण तकनीक है, जो विद्युत ऊर्जा को इलेक्ट्रोकेमिकल या रासायनिक ऊर्जा के रूप में संग्रहीत कर सकती है और आवश्यकता पड़ने पर इसे वापस विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित कर सकती है।
केंद्र सरकार ने वर्ष 2021 में 18 हजार करोड़ रुपये से अधिक के बजट परिव्यय के साथ राष्ट्रीय उन्नत रसायन बैटरी भंडारण कार्यक्रम को मंजूरी दी थी। इसका उपयोग सबसे पहले कोलकाता मेट्रो में किया जा रहा है।