नयी दिल्ली, 23 नवंबर। सरकार ने गुरुवार को कहा कि उत्तरकाशी में सुरंग में फंसे श्रमिकों तक पहुंचने में लगातार अड़चने आ रही हैं, लेकिन इन सारी बाधाओं को सफलतापूर्वक दूर किया जा रहा है और उम्मीद है कि जल्द ही सभी लोगों को सुरक्षित निकाल लिया जाएगा।

एनडीएमए के सदस्य तथा सेवानिवृत लेफ्टिनेंट जनरल सय्यद आता हसनैन ने गुरुवार को यहां नेशनल मीडिया सेंटर में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उत्तरकाशी में सुरंग में फंसे श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए वहां ऑपरेशन बराबर और पूरी ताकत के साथ चल रहा है। राहत और बचाव का काम जिस रफ्तार से जारी है और इस काम में जो सफलता मिल रही है, उसे देखते हुए कहा जा सकता है कि अब श्रमिकों तक पहुंचने में बहुत देर नहीं लगनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि देश की सारी एजेंसियां विदेशी विशेषज्ञों के साथ श्रमिकों को निकालने में लगी हैं, लेकिन फंसे लोग कब तक बाहर आ पाएंगे, इसे समय सीमा में नहीं बांधा जा सकता है, हालांकि ऑपरेशन अब उनके करीब पहुंच चुका है। फंसे हुए श्रमिकों से संपर्क हो रहा है और उनके पास दवाई, खाना, पानी और यहां तक कि कपड़े भी भेजे गए हैं। सभी फंसे हुए मजदूर सुरक्षित हैं और उनसे बातचीत भी की जा रही है।

लेफ्टिनेंट जनरल हसनैनी ने बताया कि साइट पर चार पांच विदेशी एक्सपर्ट मौजूद हैं। विदेशी विशेषज्ञों में ऐसे लोग शामिल हैं जिन्होंने कई देशों में इस तरह की की स्थिति में हुए ऑपरेशनों को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है और उत्तरकाशी में भी ऑपरेशन के काम उनकी सलाह भी ली जा रही है। एनडीआरएफ दिन रात काम कर रहा है। ऑपरेशन लगातार और मजबूती से चल रहा है। एनडीआरएफ की एक टीम 12 दिन से लगातार वहां पर मौजूद है।

उन्होंने कहा कि ऑपरेशन पूरा होने के बाद श्रमिकों का सबसे पहले मेडिकल चेकअप किया जाएगा। उनके लिए बाहर 41 एंबुलेंस रखी गई है। डॉक्टरों की सलाह पर उन्हें तत्काल हवाई मार्ग से ऋषिकेश भेजने की व्यवस्था की गई है।

यह पूछने पर कि श्रमिकों को कब तक बाहर निकाला जा सकेगा तो उन्होंने कहा कि इस बारे में समय सीमा तय नहीं की जा सकती है, लेकिन पूरा फोकस श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकलने पर है और इसीलिए सारे विशेषज्ञ वहीं पर मौजूद हैं। ऐसा लगता कि श्रमिकों को कल सुबह या किसी भी समय बाहर निकाला जा सकता है क्योंकि ऑपरेशन पूरी ताकत के साथ चल रहा है। सारी एजेंसियां लगातार काम कर रही हैं। श्रमिकों से बात करके उन्हें आवश्यक सामग्री भेजने की व्यवस्था है। सुरंग के अंदर ऑक्सीजन और लाइट की पूरी व्यवस्था है।