जम्मू, 10 जून। रियासी जिले में यात्री बस पर हुए हमले के लिए जिम्मेदार आतंकवादियों का पता लगाने के लिए बड़े पैमाने पर घेराबंदी और तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए), राज्य जांच एजेंसी (एसआईए) और फोरेंसिक विभाग की टीमों ने सोमवार को आतंकवादी हमले के स्थान का दौरा करके जांच शुरू कर दी है।
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सोमवार को जीएमसी और नारायणा अस्पतालों में घायल यात्रियों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि यह आतंकवादी हमला जम्मू क्षेत्र में अशांति फैलाने की नापाक साजिश का हिस्सा था। उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रयासों को विफल किया जाएगा।
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) सेना सहित वरिष्ठ अधिकारियों के साथ जल्द ही घटनास्थल का दौरा करेंगे। अधिकारियों ने बताया कि सेना, पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) सहित सुरक्षा बलों ने राजौरी जिले की सीमा से लगे तेरयाथ-पोनी-शिव खोडी क्षेत्र की व्यापक घेराबंदी कर दी है। उन्होंने बताया कि ड्रोन और खोजी कुत्तों सहित निगरानी उपकरणों से लैस होकर क्षेत्र और जिले के आसपास के इलाकों में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू हो गया है। इस इलाके में घने जंगल और गहरी खाइयां हैं। हमले में शामिल आतंकवादियों के पड़ोसी राजौरी और रियासी के ऊपरी इलाकों में छिपे होने की आशंका है।
उन्होंने बताया कि हमले में दो आतंकवादी शामिल थे। इलाके में ग्राम रक्षा समितियों को भी तैयार कर दिया गया है। फोरेंसिक टीम सुबह मौके पर पहुंची, पूरे इलाके की जांच की और हमले से जुड़ी कई सामग्रियां एकत्र कीं, जिनमें कुछ गोलियां भी शामिल हैं। अधिकारियों ने बताया कि एनआईए की एक टीम भी मौके पर पहुंच गई है और हमले की जांच कर रही स्थानीय पुलिस के साथ समन्वय कर रही है, जबकि एसआईए की टीम ने घटना के बारे में प्रत्यक्ष जानकारी एकत्र की है।
इस बीच, कटरा, डोडा शहर और कठुआ जिले सहित पूरे जम्मू क्षेत्र में पाकिस्तान विरोधी प्रदर्शन हुए, जिसमें ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा उपाय बढ़ाने की मांग की गई। प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान पर जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को प्रायोजित करने का आरोप लगाते हुए पड़ोसी देश के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।