रायपुर, 27 जुलाई। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के दौरान हुए इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस(आईईडी) ब्लास्ट मामले में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने शनिवार को दो और आरोपितों धनेश राम ध्रुव और रामस्वरूप मरकाम के खिलाफ पूरक आरोपपत्र दाखिल किया है।
रायपुर की एक अदालत में दायर एनआईए के दायर पूरक आरोपपत्र में दोनों पर आईपीसी और यूए(पी) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं, जिससे इस मामले में आरोपपत्र दायर करने वाले आरोपितों की कुल संख्या 12 हो गई है। इस मामले में दिसंबर 2024 में पहले ही दस आरोपितों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया जा चुका है।
आरोपित ध्रुव सरकारी प्राथमिक स्कूल में प्रधानाध्यापक था, जबकि मरकाम छोटेगोबरा पंचायत का सरपंच। दोनों पर नक्सलियों को न केवल वित्तीय और रसद मदद देने का आरोप है, बल्कि हमले की पूर्व तैयारी में सक्रिय भूमिका निभाने का भी।
एनआईए ने आज एक बयान में जानकारी दी कि मामला नवंबर 2023 में गरियाबंद जिले के बड़ेगोबरा गांव में हुए विस्फोट से जुड़ा है, जिसमें भारत-तिब्बत
सीमा पुलिस(आईटीबीपी)के एक हेड कांस्टेबल बलिदानी हो गए थे। विस्फोट उस वक्त हुआ था जब मतदान प्रक्रिया पूरी कर एक दल वापस लौट रहा था। यह हमला प्रतिबंधित संगठन भाकपा (माओवादी) की ओर से चुनाव बहिष्कार की साजिश का हिस्सा था। एनआईए ने फरवरी 2024 में इस केस की जांच अपने हाथ में लिया था।
एनआईए की जांच में यह भी सामने आया है कि ध्रुव ने चुनाव बहिष्कार के पोस्टर और बैनर तैयार करने में मदद की वहीं मरकाम ने विस्फोटक सामग्री जैसे तार, स्विच और पटाखे जुटाए। इस हमले की साजिश भाकपा (माओवादी) की केंद्रीय समिति के सदस्य गणेश उइके और मनोज ने रची थी जबकि विशेष क्षेत्रीय समिति के सदस्य सत्यम गावड़े ने इसमें अहम भूमिका निभाई थी।