
एनएच-66 पर ढलान सुरक्षा कार्य ढहने पर बड़ी कार्रवाई, मेघा इंजीनियरिंग कंपनी को बोली से बाहर किया गया
नई दिल्ली, 17 जून। केंद्र सरकार की अधीनस्थ संस्था राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने केरल के कासरगोड जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग-66 (एनएच-66) के चेरक्कला क्षेत्र में ढलान सुरक्षा कार्य के ढहने की घटना को गंभीरता से लिया है। यह हादसा 16 जून को चेंगला-नीलेश्वरम सेक्शन में घटित हुआ था।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि शुरुआती जांच में पाया गया कि दुर्घटना का मुख्य कारण अनुचित डिज़ाइन, अपर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था और खराब ड्रेनेज सिस्टम था। इस लापरवाही के लिए एनएचएआई ने ठेकेदार कंपनी मेघा इंजीनियरिंग एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड और इसके प्रमोटर को भविष्य की सभी परियोजनाओं की निविदाओं (बोली) से बाहर कर दिया है। इसके अतिरिक्त कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए एक साल के लिए डिबार करने और 9 करोड़ रुपये तक के जुर्माने की चेतावनी भी दी गई है।
इस परियोजना को हाइब्रिड एन्युइटी मोड के तहत विकसित किया जा रहा है, जिसमें ठेकेदार को न केवल निर्माण करना होता है बल्कि 15 वर्षों तक राजमार्ग का रखरखाव भी करना होता है। अब कंपनी को अपने खर्च पर ढलान सुरक्षा कार्य दोबारा करने होंगे।
एनएचएआई ने इस घटना की गहन जांच के लिए उच्च स्तरीय विशेषज्ञ समिति गठित की है, जिसमें केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान (सीआरआरआई) के वरिष्ठ वैज्ञानिक, आईआईटी पालक्काड़ के सेवानिवृत्त प्रोफेसर और भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) के विशेषज्ञ शामिल हैं। यह समिति घटनास्थल का दौरा कर डिजाइन और निर्माण की समीक्षा करेगी तथा इस परियोजना के लिए आवश्यक सुधारात्मक सुझाव देगी।
एनएचएआई ने स्पष्ट किया है कि वह भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि सड़क सुरक्षा और ढांचागत गुणवत्ता से किसी प्रकार का समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
यह घटना राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण और रखरखाव के मानकों पर एक बार फिर सवाल खड़े करती है। स्थानीय नागरिकों और यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस प्रकार की कड़ी कार्रवाई को साहसिक और आवश्यक कदम माना जा रहा है।