अखिल भारतीय नववर्ष समारोह समिति की सर्व समाज की बैठक सम्पन्न
उदयपुर, 15 मार्च। अखिल भारतीय नववर्ष समारोह समिति, आलोक संस्थान, नगर निगम उदयपुर और सर्व समाज व संगठनों के संयुक्त तत्वावधान में विक्रम उत्सव 2081 को भव्य रूप से मनाया जाएगा। इस बार का नववर्ष भगवान श्रीराम को समर्पित होगा।
अखिल भारतीय नववर्ष समारोह समिति के राष्ट्रीय सचिव डॉ. प्रदीप कुमावत ने बताया कि आलोक संस्थान के व्यास सभागार में आयोजित सर्व समाज-संगठनों की बैठक में कई निर्णय किए गए। इस बार विक्रम सम्वत 2081 जो पिंगल और क्रोधी सम्वत के नाम से जाना जा रहा है। इस सम्वत को प्रभु श्रीराम को समर्पित किया जाएगा। इसी दृष्टि से उदयपुर में अयोध्या में श्रीराम मंदिर की स्थापना के बाद हूबहू राम की प्रतिमा जो अयोध्या में लगी, उसकी अनुकृति लाई जाएगी। नववर्ष की पूर्व संध्या पर शहरवासी दर्शन कर सकेंगे। इस अवसर पर निकलने वाली रामरथ यात्रा में आरती कर सकेंगे।
डॉ. कुमावत ने बताया कि दस दिवसीय कार्यक्रमों के अन्तर्गत विक्रम सम्वत को राष्ट्रीय सम्वत घोषित करने के लिए एक हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा। गौ, गंगा को जोड़ने की दृष्टि से गौ, गंगा और गायत्री की थीम पर काम करते हुए इस बार अखिल भारतीय नववर्ष समारोह समिति ने नया नारा दिया है, ‘राम का वर्ष नववर्ष नवहर्ष’। इस दृष्टि से विभिन्न अनुष्ठान और आयोजन की तैयारी की जा रही है।
डॉ. कुमावत ने बताया कि 8 अप्रैल को श्रीराम महारथ यात्रा के लिए व्यापक स्तर पर समाज व संगठन एकलिंगजी से लेकर गणगौर घाट तक सारे स्थानों को व्यापक सम्पर्क कर दस जोन में बांटा गया है, जहां लोग इस यात्रा के दर्शन और आरती का आनंद ले सकेंगे। श्रीराम और शिव का मिलन जहां एकलिंगजी में होगा, वहीं श्रीराम और वैष्णोदेवी का मिलन नवनिर्मित वैष्णोदेवी मंदिर में होगा। वहीं, श्रीराम और कृष्ण का मिलन अस्थल मंदिर में और श्रीराम और जगदीश का मिलन जगदीश चौक में होगा। यहां भव्य महाआरती होगी। इसके बाद गणगौर घाट पर पहुंचकर प्रभु श्रीराम को गंगा स्नान कराया जाएगा, साथ ही गंगा आरती का आयोजन होगा।
बैठक में श्रीराम महारथ यात्रा के पोस्टर का विमोचन भी किया गया। इस अवसर पर अखिल भारतीय नववर्ष समारोह समिति के राष्ट्रीय सचिव डॉ. प्रदीप कुमावत, अस्थल मन्दिर के महंत रासबिहारी, जनार्दन राय नागर राजस्थान विधियांपीठ विश्वविधालय के कुलपति कर्नल प्रो एसएस सारंगदेवोत्, प्रताप राय चुग, डॉ जयराज आचार्य, कमलेंद्र सिंह पंवार, कृष्णकांत कुमावत, शिवसिंह सोलंकी, दिनेश श्रीमाली, दिनेश शर्मा, गजेंद्र आचार्य, शशांक टाक, निश्चय कुमावत, रॉबिन सिंह, प्रतीक कुमावत, किशन वाधवानी, हरिशंकर तिवारी, दिनेश भाई पटेल, वीरेंद्र पालीवाल, नारायण चौबीसा सहित विभिन्न समाजों, संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।