हरिद्वार, 22 जनवरी । हाथियों का घर कहे जाने वाले राजाजी राष्ट्रीय पार्क में गर्मी के मौसम में पानी की कमी को ध्यान में रखते हुए पार्क प्रशासन ने अभिनव प्रयास किए हैं। इन प्रयासों के तहत पार्क के 35 वाटर होलों में पानी उपलब्ध कराया जा रहा है, जिससे गर्मी के दौरान वन्यजीवों को पानी की सुविधा मिलेगी। पार्क में दाे दिन चले कार्मिकों के प्रशिक्षण शिविर में प्रतिभागियों को जल प्रबंधन हेतु किए गए कार्यों की जानकारी दी गई।
राजाजी टाइगर रिजर्व के क्षेत्र में ग्रीष्म ऋतु में वन्यजीवों के लिये जल उपलब्धता एक चुनौती रही है। वन्यजीव पानी पीने के लिए आबादी क्षेत्रों में जाने को मजबूर होते थे। अधिकांश वन क्षेत्र भाबर तथा पहाड़ी क्षेत्र में स्थित होने के कारण बोरिंग के माध्यम से जल उपलब्ध कराना भी सम्भव नहीं था। विगत 5 वर्षों में राजाजी टाइगर रिजर्व की चिल्लावाली एवं धौलखण्ड रेंज में क्षेत्रीय भौगोलिक तथा भूगर्भीय परिस्थियों को ध्यान में रखते हुए कुओं का निर्माण किया गया तथा ग्रेविटी के माध्यम से वाटर होलों (कृत्रिम जलाशय) को कुओं से जोड़नें का प्रयोग अति सफल रहा है। वर्तमान में राजाजी टाइगर रिजर्व की चिल्लावाली रेंज में 06 कुओं, धौलखण्ड रेंज मे 02 कुओं, बेरीबाड़ा रेंज में 02 कुओं तथा हरिद्वार रेंज में 01 कुएं के माध्यम से कुल 35 वाटर होलों में पानी पहुँचाया जा रहा है। ये कुएं बारहमासी शुद्ध जल के स्रोत के रूप में सफलतापूर्वक कार्य कर रहे है। इस प्रबन्धन के पश्चात् राजाजी टाईगर रिजर्व में कृत्रिम रूप से पानी पहुँचाने की आवश्यकता कम हुई है तथा वन्यजीवों के पानी की तलाश में आबादी क्षेत्र में जाने की घटनाओं में भी कमी आयी है।
पार्क के निदेशक कोको रोसे ने बताया कि प्रशिक्षण कार्यक्रम में चित्रांजली नेगी, वन्यजीव प्रतिपालक, चीला उपप्रभाग, बिजेन्द्र दत्त तिवारी, वन क्षेत्राधिकारी चीला व हरिद्वार, मेघपाल सिंह, उप राजिक, हरपाल सिंह गुंसाई, वन दरोगा, सहित राजाजी टाईगर रिजर्व के अन्य कर्मचारी प्रशिक्षण में सम्मिलित हुए। प्रथम दिवस के अन्तिम चरण में प्रतिभगियों को चिल्लावाली, धौलखण्ड, बेरीबाडा एवं हरिद्वार रेंज के कुओं तथा उनसे जोड़ें गये जलाशयों का भ्रमण कराया गया।