
ओंकार समाचार
बीकानेर / रामदेवरा (जैसलमेर), 1 सितम्बर। लोकदेवता बाबा रामदेव जी की पुण्यभूमि रामदेवरा में चल रहे 33 दिवसीय नेत्रकुंभ महाजाँच शिविर ने पूरे मरुप्रदेश और राजस्थान में सेवा और स्वास्थ्य का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किया है।
सक्षम संस्था और उसके सहयोगी संगठनों की ओर से आयोजित इस शिविर के दौरान 89,145 लोगों की निःशुल्क नेत्र जाँच, 74,860 लोगों को निःशुल्क दवाइयाँ व चश्में तथा 5,649 लोगों को सर्जरी के लिए चिह्नित किया गया। आधुनिक तकनीक और श्रेष्ठ गुणवत्ता वाले चश्मों के वितरण से हजारों लाभार्थियों को नयी रोशनी मिली।
मरुस्थल में पहुँची विश्वस्तरीय सेवाएं
रामदेवरा जैसे सीमांत और शुष्क इलाके में पहली बार बड़े शहरों जैसी आधुनिक नेत्र-जाँच सुविधाएँ उपलब्ध कराई गईं। वातानुकूलित परिसर, स्वच्छ पेयजल, आधुनिक उपकरण और प्रशिक्षित चिकित्सकों ने यह सुनिश्चित किया कि हर लाभार्थी को उच्च स्तर की चिकित्सा सेवा मिले।
सेवा का महाअभियान
सक्षम संस्था और उसके सहयोगी संगठनों—विश्व हिन्दू परिषद, विद्यार्थी परिषद, भारत विकास परिषद, सीमा जनकल्याण समिति, राष्ट्रीय सेवा भारती सहित 10 से अधिक संस्थाओं के 1500 से अधिक स्वयंसेवक पूरे समय शिविर में जुटे रहे। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने ओपीडी और चश्माघर का संचालन संभालते हुए अपने आदर्श वाक्य “सेवा परमो धर्मः” को साकार किया।
जनप्रतिनिधियों और गणमान्यजनों की उपस्थिति
शिविर में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़, उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी, देवस्थान मंत्री जोराराम कुमावत, विधायक महंत प्रताप पुरी, प्रियंका चौधरी, लक्ष्मणराम मेघवाल सहित कई जनप्रतिनिधि पहुँचे।
दिया कुमारी ने न केवल 20 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की, बल्कि सीमा क्षेत्र में आँखों का अस्पताल खोलने की घोषणा भी की।
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, समाजसेवी मनिंदरजीत सिंह बिट्टा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी, सीमा सुरक्षा बल के अधिकारी और विभिन्न सामाजिक संगठन भी लगातार शिविर का अवलोकन करते रहे।
नेत्रदान संकल्प – एक अनूठी पहल
अब तक 1500 से अधिक लोगों ने मरणोपरांत नेत्रदान का संकल्प पत्र भरकर समाज में नई मिसाल कायम की। प्रदेशाध्यक्ष राठौड़ ने इसे “महादान” बताते हुए अधिक से अधिक लोगों को इस संकल्प से जुड़ने की अपील की।
प्रतिदिन हज़ारों को लाभ
शिविर की 33 दिनों की अवधि में
89,145 लोगों की निःशुल्क नेत्र जाँच की गई।
74,860 लाभार्थियों को दवाइयाँ और उच्च गुणवत्ता वाले चश्में प्रदान किए गए।
5,649 मरीजों को मोतियाबिंद व अन्य जटिल नेत्र रोगों की सर्जरी हेतु चयनित कर निःशुल्क ऑपरेशन की व्यवस्था की गई।
शिविर के दौरान रोजाना औसतन 5000 से अधिक लोगों ने पंजीकरण कराया। केवल 28 और 29 अगस्त को ही 10,591 लाभार्थियों को परामर्श, 7,349 को चश्में और 7,862 को दवाइयाँ प्रदान की गईं।
शिविर का निरीक्षण करने आए अतिथियों ने ओपीडी से लेकर चश्माघर तक सभी व्यवस्थाओं की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह आयोजन न केवल चिकित्सा सेवा का उदाहरण है बल्कि समाज में अनुशासन, सहयोग और सेवा भावना की मिसाल है।
आयोजकों का कथन
आयोजन समिति के महासचिव खेताराम लीलड़ ने बताया कि मरुप्रदेश और सीमा क्षेत्र में रहने वाले लाखों नागरिकों के लिए यह नेत्रकुंभ अविस्मरणीय रहेगा।