प्रत्येक मृतक के परिवार को 10 लाख रुपये की आर्थिक मदद का ऐलान

उच्च स्तरीय समिति करेगी की घटना की जांच

काठमांडू, 30 दिसम्बर। काठमांडू की सड़कों पर शुक्रवार को प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा में पुलिस की गोली से दो लोगों के मारे जाने के मामले में सरकार ने शनिवार को सख्त कार्रवाई की है। सरकार ने फायरिंग का आदेश देने वाले ललितपुर के डीएसपी को निलंबित कर दिया है और डीएम तथा एसपी को वहां से हटा दिया है। प्रत्येक मृतक के परिवार को 10 लाख रुपये की आर्थिक मदद का ऐलान किया है। घटना की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया जाएगा। हालांकि इस घटना को लेकर शनिवार को भी विरोध प्रदर्शन हुए हैं।

दरअसल, बेरोजगार युवाओं के विरोध प्रदर्शन के बीच काठमांडू की कोटेश्वर बालकुमारी सड़क पर शुक्रवार को दिनभर तनाव की स्थिति बनी रही। शुक्रवार की दोपहर से ही कोरिया में रोजगारी के लिए जाने वाले लोगों के लिए रोजगारी अनुमति प्रणाली (इपीएस) की परीक्षा होनी थी लेकिन अधिकांश युवाओं को इस परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं मिली। गुस्साए युवाओं ने सड़क पर जाम लगाकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। नेपाल सरकार के भौतिक योजना तथा यातायात मंत्री प्रकाश ज्वाला ने बताया कि उपद्रवी भीड़ ने उनको तथा उनके दोनों सुरक्षाकर्मियों को कार से उतार कर उनके सरकारी वाहन में आग लगा दी।

ललितपुर के एसपी सिद्धविक्रम शाह ने बताया कि शुक्रवार को मंत्री की कार में आगजनी के बाद तनावपूर्ण स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को गोली चलानी पड़ी, जिसमें दो युवाओं की मौत हो गई। इस घटना के बाद पूरे शहर में सरकार के खिलाफ उग्र प्रदर्शन शुरू हो गया, जो शनिवार को भी जारी है। विपक्षी दल से जुड़े छात्र संगठनों ने गृहमंत्री के इस्तीफे की मांग की है।

इसी बीच शनिवार को सरकार ने प्रत्येक मृतक के परिवार को 10 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है। साथ ही पुलिस फायरिंग का आदेश देने वाले ललितपुर के डीएसपी को निलंबित कर दिया गया है। आज दोपहर हुई कैबिनेट बैठक में सरकार ने ललितपुर के एसपी और डीएम का तबादला करने का फैसला किया है। सरकार की प्रवक्ता एवं सूचना तथा संचार मंत्री रेखा शर्मा ने बताया कि गोलीकांड की जांच के लिए सरकार ने एक उच्च स्तरीय जांच समिति बनाने का भी निर्णय किया है।