नई दिल्ली, 20 जुलाई । राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) के निदेशक प्रो. दिनेश शकलानी ने शनिवार को कहा कि देश में भारत केंद्रित शिक्षा की आवश्यकता है।

प्रो. सकलानी अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ (एबीआरएसएम) एवं एनसीईआरटी द्वारा संयुक्त रूप से एनसीईआरटी परिसर में आयोजित दो दिवसीय क्षमता निर्माण कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र को बतौर मुख्य वक्ता संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम का विषय ‘विद्यालयी तथा उच्च शिक्षा की पाठ्यचर्या रूपरेखा के मध्य सम्बन्धों की समझ’ था।

एनसीईआरटी निदेशक प्रो. शकलानी ने भारत केंद्रित शिक्षा की आवश्यकता पर ज़ोर दिया। इसके लिए स्कूल से उच्च शिक्षा में आ रहे विद्यार्थियों को विचारधारा से ऊपर उठकर पहले संस्थाओं के परिसर की जानकारी उनकी ऊर्जा को सही दिशा में संचालित करते हुए उन्हें भारत बेहतरीन मानव संसाधन के रूप में बदलने की बात की। साथ ही उन्हें मैकाले की शिक्षा पद्धति से बचाकर भारतीय ज्ञान परंपरा के आत्ममूल्यांकन और विश्लेषण आधारित शिक्षा पद्धति की तरफ ले जाने, बच्चों की रुचि व क्षमता के अनुसार उनके ज्ञान को संवारने की बात की।

मुख्य अतिथि एबीआरएसएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो.जे.पी. सिंघल ने अपने वक्तव्य में सतत मूल्यांकन और तटस्थ अवलोकन आधारित ऐसी शिक्षा पद्धति के क्रियान्वयन पर बल दिया जो भारत को प्राथमिकता देने वाले नागरिकों और मानव संसाधनों को निर्मित करे। उन्होंने भारतीय बनाने की क्षमता, तकनीक के साथ समन्वय और स्वदेशी तकनीक के विकास पर भी बल दिया।