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कोलकाता, 11 फरवरी । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घोषणा की है कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) 2026 के विधानसभा चुनाव में किसी भी पार्टी से गठबंधन नहीं करेगी। कांग्रेस के साथ संभावित गठबंधन को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में कांग्रेस की कोई राजनीतिक अहमियत नहीं है इसलिए गठबंधन की जरूरत नहीं है।
ममता बनर्जी के इस ऐलान के बाद राज्य की सियासत गर्म हो गई है। एनडीए ने इसे विपक्षी इंडी गठबंधन की टूट का संकेत बताया और इसे टीएमसी का ‘अति आत्मविश्वास’ करार दिया। केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि यह साबित हो गया है कि इंडी गठबंधन सिर्फ 2024 के लोकसभा चुनाव तक सीमित था और अब यह पूरी तरह बिखर चुका है।
पश्चिम बंगाल भाजपा विधायक अग्निमित्रा पॉल ने ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा, “क्या आप बंगाल में वैसे ही जीतेंगी जैसे आपने गोवा, त्रिपुरा और मेघालय में हार का सामना किया?” उन्होंने कहा कि तृणमूल महिलाओं को लुभाने के लिए लक्ष्मी भंडार जैसी योजनाओं के तहत पैसे देती है, लेकिन गोवा में महिलाओं को पांच हजार रुपये का वादा करने के बावजूद टीएमसी चुनाव नहीं जीत पाई।
उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का उदाहरण देते हुए कहा, “केजरीवाल की तरह ममता बनर्जी का अति आत्मविश्वास भी चकनाचूर हो जाएगा।”
पार्टी ने किया ममता का समर्थनभाजपा के हमलों के बीच तृणमूल कांग्रेस ममता बनर्जी के साथ एकजुट है। पश्चिम बंगाल सरकार में मंत्री शशि पांजा ने मंगलवार को कहा, “हम पूरी तरह से 2026 के चुनाव के लिए तैयार हैं। तृणमूल कांग्रेस अकेले चुनाव लड़ेगी और जीतेगी।”
टीएमसी विधायक हुमायूं कबीर ने 2021 के चुनाव का उदाहरण देते हुए कहा, “2021 में भी दीदी अकेले चुनाव लड़ी थीं और 213 सीटें जीती थीं। 2026 में भी टीएमसी आसानी से दो-तिहाई बहुमत से सरकार बनाएगी।”