
कोलकाता, 6 जून । बीरभूम ज़िले के तृणमूल नेता अणुव्रत मंडल के खिलाफ वायरल ऑडियो क्लिप को लेकर राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने पश्चिम बंगाल पुलिस पर सख्त रुख अपनाया है। इस ऑडियो में मंडल को एक पुलिस अधिकारी की मां और पत्नी के साथ दुष्कर्म की धमकी देते हुए सुना गया है।
महिला आयोग ने इस मामले को गंभीर बताते हुए राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राजीव कुमार से 72 घंटे के भीतर विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है। साथ ही आयोग ने राज्य पुलिस को तुरंत और कठोर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
इस पूरे मामले में बीरभूम जिला पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए जा रहे हैं। शिकायत है कि ऑडियो क्लिप के सामने आने के बावजूद पुलिस ने मंडल से केवल एक बार पूछताछ की और अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।
महिला आयोग ने डीजीपी को भेजे गए पत्र में कहा है, “इस मामले में राज्य पुलिस की निष्क्रियता बेहद चिंताजनक है, खासकर तब जब सार्वजनिक स्तर पर व्यापक आक्रोश देखा जा रहा है। यह रवैया न केवल ऐसे अपराधियों को प्रोत्साहन देता है बल्कि पुलिस बल के मनोबल को भी तोड़ता है और कानून व्यवस्था पर जनता के भरोसे को डगमगा देता है।”
पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि अणुव्रत मंडल का आपराधिक इतिहास पहले से ही सार्वजनिक और दर्ज है। वह अगस्त 2022 में करोड़ों रुपये के पशु तस्करी मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा गिरफ्तार किए गए थे। इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी उन्हें हिरासत में लिया था। दो साल तक दिल्ली के तिहाड़ जेल में रहने के बाद हाल ही में उन्हें जमानत मिली और वह बीरभूम ज़िले के बोलपुर स्थित अपने घर लौटे हैं।
महिला आयोग ने सवाल उठाया है कि “यदि एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के परिवार को इस तरह की धमकियां मिल सकती हैं और कोई कार्रवाई नहीं होती, तो आम नागरिक, खासकर महिलाएं, खुद को कैसे सुरक्षित महसूस करेंगी?”
इधर, इस मामले में सीबीआई ने भी नई जांच शुरू कर दी है। एजेंसी यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या पशु तस्करी मामले के किसी गवाह को अणुव्रत मंडल या उनके सहयोगियों द्वारा बयान बदलने के लिए धमकाया गया था।