
रांची, 28 मई । हटिया निवासी महावीर नायक को पद्मश्री सम्मान मिलना झारखंड की सांस्कृतिक विरासत और आदिवासी-मूलवासी समाज के लिए गौरव का क्षण है। यह बातें आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच के केंद्रीय उपाध्यक्ष विजय शंकर नायक ने बुधवार को प्रतिक्रिया में प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कही।
उन्होंने कहा कि यह न केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि नागपुरी संस्कृति और आदिवासी-मूलवासी समाज की सांस्कृतिक पहचान को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता दिलाने का प्रतीक है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की ओर से दिया जाने वाला यह सम्मान हम सभी के लिए गर्व का विषय है।
नायक ने कहा कि महावीर नायक झारखंड के गौरव हैं। नायक झारखंड के प्रसिद्ध ठेठ नागपुरी गायक हैं। इन्हें भिनसरिया राग के राजा के रूप में जाना जाता है। नायक को यह समान देकर केंद्र सरकार ने देश के गली- कूचों में रहकर संस्कृति, लोक काव्य और समाप्त हो रही कला संस्कृति पुनर्जीवित करनेवालों कलाकारों को प्रोत्साहित किया है।
उन्होंने कहा कि यह सम्मान न केवल महावीर नायक की कला और समर्पण का सम्मान है, बल्कि यह नागपुरी संस्कृति, झारखंड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और आदिवासी-मूलवासी समाज को सींचने की कोशिश है।