नई दिल्ली, 04 नवंबर। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के प्रगति मैदान के भारत मंडपम में आज अब से कुछ देर बाद ‘राष्ट्रीय नदी संगम-2024’ में जल संसाधनों की दशा और दिशा पर चर्चा शुरू होने जा रही है। इसका आयोजन भारतीय नदी परिषद, जेपी माथुर चैरिटेबल ट्रस्ट और जीआईजेड ने संयुक्त रूप से किया है। केंद्रीय गृह एवं सहकारितामंत्री अमित शाह सुबह 10 बजे यहां पहुंचकर चर्चा में हिस्सा लेने वाले विशेषज्ञों और विद्वानों को संबोधित करेंगे।
यह जानकारी पद्म श्री उमाशंकर पाण्डेय ने यहां दी। वह बुंदेलखंड से राष्ट्रीय नदी संगम-2024 में हिस्सा लेने पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम सुबह 10 बजे गृहमंत्री अमित शाह की गरिमामय उपस्थिति में शुरू होगा। शाह सभी विद्वानों का मार्गदर्शन करेंगे। इस कार्यक्रम में परमार्थ निकेतन ऋषिकेश के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद और देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति चिन्मय पाण्डया को भी आमंत्रित किया गया है।
देश के पहले जलयोद्धा पुरस्कार से अलंकृत जखनी जलग्राम के संयोजक उमाशंकर पाण्डेय ने उम्मीद जताई है कि ‘राष्ट्रीय नदी संगम’ में सार्थक चर्चा होगी। गृहमंत्री शाह के मार्गदर्शन में जल संकट से बचने के तौर-तरीकों और उपायों पर विद्वान गहन चिंतन-मनन कर दम तोड़ती नदियों और संकटग्रस्त जल स्रोतों को बचाने की रणनीति तय करेंगे। उमाशंकर पाण्डेय ने कहा कि इस दिशा में 2014 से सकारात्मक काम शुरू हुआ है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में देशवासियों को जल संरक्षण के लिए कई बार जागृत कर चुके हैं। इसी का नतीजा है कि लोग पहले से ज्यादा सचते हुए हैं।