कोलकाता, 13 अप्रैल। लोकसभा चुनाव की सरगर्मी के बीच बंगाल का संदेशखाली इलाका सुर्खियों में है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया है कि यहां मानवाधिकारों का जमकर उल्लंघन हुआ है। आयोग ने अपनी रिपोर्ट में राज्य पुलिस पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं।
आयोग ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा कि इलाके में राजनीतिक प्रतिशोध के लिए जमकर हिंसा हुई जिसकी वजह से लोगों के मन में दहशत का माहौल बना रहा। एनएचआरसी ने शनिवार को एक बयान में कहा कि आयोग ने कई सिफारिशें की हैं और प्रत्येक सिफारिश पर पश्चिम बंगाल सरकार से आठ सप्ताह के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है। इसमें कहा गया है कि आयोग की मौके पर पहुंचकर की गई जांच से पीड़ितों के साथ हुए अत्याचार की कई घटनाओं का खुलासा हुआ है जो साफ तौर पर दर्शाता है कि प्रथम दृष्टया ऐसे उल्लंघन को रोकने में लापरवाही के कारण मानवाधिकारों का उल्लंघन हुआ।
आयोग ने मौके पर पहुंचकर की गई जांच की रिपोर्ट पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को भेजी है। एनएचआरसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि आरोपित व्यक्तियों के अत्याचारों के कारण बने माहौल ने पीड़ितों को चुप करा दिया और डराने-धमकाने तथा आतंक ने उन्हें ”न्याय मांगने के प्रति अनिच्छुक” बना दिया। उसने यह भी कहा कि डर का माहौल न केवल पीड़ितों पर असर डालता है बल्कि उन बच्चों के विकास और स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक असर डालता है जो लगातार इन कथित आरोपियों के हाथों अपने माता-पिता के उत्पीड़न को देखते हैं। आयोग ने इस मामले में विस्तृत रिपोर्ट भी मांगी है और कार्रवाई रिपोर्ट भी देने को कहा है।