पश्चिम सिंहभूम, 23 जुलाई।  सावन मास के अवसर पर देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथधाम में देशभर से श्रद्धालु जलाभिषेक करने पहुंच रहे हैं। इसी क्रम में बुधवार को पश्चिम सिंहभूम जिला स्थित चाईबासा के नरेंद्र राम भी सुल्तानगंज से पैदल यात्रा कर बाबा धाम पहुंचे, लेकिन उनकी यात्रा की सबसे बड़ी खासियत यह रही कि वे रावण की वेशभूषा में थे। उनके सिर पर रावण का मुकुट, शरीर पर रावण की पोशाक और हाथ में छोटा सा शिवलिंग था। उनकी इस अनोखी भक्ति को देख हर कोई हैरान रह गया। राह चलते लोग रुककर उनके साथ सेल्फी लेते दिखे तो कई श्रद्धालुओं ने उनका आशीर्वाद भी लिया।

नरेंद्र राम का मानना है कि रावण केवल राक्षस नहीं था, बल्कि वह भगवान शिव का परम भक्त था। उन्होंने कहा कि मैं वर्षों से रावण की वेशभूषा में सुल्तानगंज से देवघर तक की यात्रा करता आ रहा हूं। मेरा उद्देश्य लोगों को यह बताना है कि रावण की भी एक भक्ति से भरी हुई कहानी है, जिसे लोग भूल जाते हैं। वह शिव का उपासक था। मैं उसी भक्ति को जीवंत कर रहा हूं।

नरेंद्र राम चाईबासा के जाने-माने रंगकर्मी हैं। दशकों से वे महिषासुर मर्दिनी नृत्य नाटिका में रावण की भूमिका निभाते आ रहे हैं। उनकी अदायगी, संवाद और हावभाव इतने प्रभावशाली होते हैं कि लोग उन्हें एक मंझा हुआ कलाकार मानते हैं।

सावन के इस पावन अवसर पर उनकी यह अनूठी यात्रा न केवल शिवभक्ति की मिसाल बन गई है, बल्कि यह संदेश भी दे रही है कि हर पात्र के भीतर भक्ति और भलमनसाहत की एक छुपी हुई कहानी होती है। नरेंद्र राम का रावण के वेश में बाबा धाम पहुंचना धार्मिक आस्था और कला का एक अद्भुत संगम पेश करता है। उनका उद्देश्य रावण के शिवभक्त रूप से लोगों को परिचित कराना और भक्ति का महत्व बताना है।