नयी दिल्ली, 05 नवंबर। पंचदश नाम जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता तथा दिल्ली एनसीआर संत महासभा के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि को श्रीमहंत अवैद्यनाथ समरसता एकता पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
श्री दूधेश्वरनाथ पीठ के श्रीमंत नारायणगिरि महाराज को गंगा किनारे ब्रजघाट पर आयोजित विश्व हिंदू महासंघ के तीन दिवसीय महा सम्मेलन के दौरान श्रीमहंत अवैद्यनाथ समरसता एकता पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
पंचदशनाम जूना अखाड़े से मिली जानकारी के अनुसार महा सम्मेलन के आखिरी दिन रविवार को श्रीमहंत को देश में समरसता बढ़ाने, एकता तथा अखंडता को मजबूत करने के लिए किए गये प्रयाशों के तहत यह सम्मान दिया गया।
संस्था के कार्यकारी अध्यक्ष नेपाल से पधारीं अस्मिता भंडारी तथा प्रांतीय अध्यक्ष भिखारी प्रजापति ने सम्मानस्वरूप श्रीमहंत को 21 हजार रुपये तथा भगवान शिव की मूर्ति प्रदान कर सम्मानित किया, जिसे उन्होंने सम्मान सहित संस्था को सनातन धर्म की सेवा के लिए लौटा दिया। महंत योगी आदित्यनाथ के बाद अब महंत सुरेंद्र नाथ कालका जी वाले इसके अध्यक्ष हैं। अस्वस्थता के कारण अध्यक्ष सम्मेलन में शामिल नहीं हो सके।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने कहा “सनातन धर्म में कोई भी छोटा-बड़ा नहीं है। सभी एक समान हैं, अतः प्रत्येक सनातनी को समान आदर-सम्मान मिलना चाहिए। प्राचीन काल में हमारे विश्व गुरु होने का सबसे बड़ा कारण था कि हम सब आपस में प्रेम से और मिल-जुलकर रहते थे। चारों तरफ समरसता थी और कहीं कोई भेदभाव नहीं होता था। सनातन धर्म में छुआछूत तथा भेदभाव के लिए कोई स्थान नहीं है इसलिए प्रत्येक सनातनी को एक बार पुनः विश्व गुरु बनने के लिए समरसता तथा एकता को ही अपनाना होगा और सभी को एक समान मानना होगा।”