स्पीकर ने तय की अधिकतम सीमा

कोलकाता, 22 अप्रैल ।बंगाल विधानसभा के बजट सत्र के दौरान एक तृणमूल विधायक के चश्मे का बिल देखकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हैरान रह गईं। मुर्शिदाबाद जिले के एक वरिष्ठ विधायक ने चश्मे के लिए 65 हजार रुपये का बिल विधानसभाध्यक्ष की मेज पर पेश किया था। इसी दौरान मुख्यमंत्री स्पीकर बिमान बनर्जी के कक्ष में मौजूद थीं। जिज्ञासावश उन्होंने बिल की राशि पूछी, और सुनते ही उनकी आंखें फटी की फटी रह गईं।

मुख्यमंत्री और स्पीकर के बीच इसके बाद तत्काल चर्चा हुई। चर्चा के बाद यह फैसला लिया गया कि अब से किसी भी विधायक को नए चश्मे के लिए अधिकतम पांच हजार रुपये की ही अनुमति दी जाएगी। इसके साथ ही अस्पताल में भर्ती होने की स्थिति में बिस्तर के लिए प्रतिदिन आठ हजार रुपये से अधिक का भुगतान नहीं किया जाएगा। विधानसभा सचिवालय ने इस संबंध में अमल शुरू कर दिया है।

विधानसभा के सूत्रों के अनुसार, विधायक के मेडिकल खर्चों को लेकर अकसर सचिवालय पर भारी आर्थिक बोझ पड़ता है। कई बार बिलों में असंगतियां या अत्यधिक खर्च देखे गए हैं। यही वजह है कि अब इस पर नियंत्रण लाने के लिए स्पीकर ने सख्ती से नियम तय किए हैं।

यह पहला मामला नहीं है जब किसी विधायक के मेडिकल खर्च को लेकर विवाद हुआ हो। पिछले वर्ष उत्तरपाड़ा से तृणमूल विधायक और अभिनेता कंचन मलिक ने अपनी बेटी के जन्म से जुड़ी मेडिकल प्रक्रिया के लिए छह लाख का बिल पेश किया था, जिस पर राजनीतिक विवाद छिड़ गया था। बाद में उन्हें वह बिल वापस लेना पड़ा।

इसी तरह ममता सरकार के पहले कार्यकाल में मंत्री रही सावित्री मित्रा ने भी करीब एक लाख का मेडिकल बिल जमा किया था, जिसमें 70 हजार केवल चश्मों के थे। विरोध के चलते उन्होंने भी बिल वापस ले लिया था।