नई दिल्ली, 13 दिसंबर। संसद पर हमले की बरसी के दिन लोकसभा में हुई एक घटना से बुधवार को संसद में अफरा-तफरी का माहौल रहा। बुधवार को सदन में शून्यकाल के दौरान दो युवक दर्शक दीर्घा से सदन में कूद गए। उस समय भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद सांसद खगेन मुर्मू अपनी बात रख रहे थे।

बीएसपी के लोकसभा सांसद मलूक नागर ने मीडिया एजेंसी को बताया कि सदन में शून्यकाल का समय था। कार्यवाही चल रही थी। तभी दो लोग दर्शक दीर्घा से सदन में ‘तानाशाही नहीं चलेगी’ का नारा लगाते हुए कूद गए। उनके कूदने के दौरान वहां पर खड़ी सुरक्षाकर्मी महिला चोटिल हो गई।

नागर ने कहा कि उन्हें लगा कि शायद दीर्घा से कोई नीचे गिर गया। वह और कुछ अन्य सांसद उसकी ओर दौड़े। जब तक वह उनके पास पहुंचे तब तक दोनों ने अपने जूते से कुछ निकाला और स्प्रे किया। उसके बाद सदन में रंगीन धुआं फैल गया। बकौल नागर उन्होंने सदन कूदने वाले को पकड़ रखा था। वह दोनों लगातार नारे बाजी कर रहे थे। इस दौरान कुछ सांसदों ने दोनों की पिटाई भी की।

सपा सांसद डिंपल यादव ने कहा कि उनके कूदने से सदन में अचानक अफरा-तफरी मची और रंगीन धुआं फैल गया। सभी सांसद इधर-उधर भागने लगे। सदन में फैले धुएं की वजह से लोगों को तकलीफ भी हुई। यह सामान्य घटना नहीं है। यह बड़ी सुरक्षा चूक है।

कांग्रेस के लोकसभा सांसद कार्तिक चिदंबरम ने कहा कि यह सुरक्षा में बड़ी चूक है। इस मामले की गहन जांच होनी चाहिए। 13 दिसंबर, 2001 को संसद पर आतंकी हमला हुआ था।

भाजपा के लोकसभा सांसद प्रताप चंद्र सारंगी ने कहा कि यह घटना सामान्य नहीं है। सदन में कूदने वाले लोग कहां से आए? कैसे आए? क्या कोई आतंकी संगठन से तो नहीं थे? ये कई सवाल खड़े होते हैं। मामले की गंभीरता से जांच होनी चाहिए।

कांग्रेस सांसद गुरजीत सिंह औजला ने कहा कि उन्होंने कूदने वालों को सदन में सबसे पहले पकड़ा। कुछ ने इसकी पिटाई भी की। बाद में दोनों को सुरक्षाकर्मियों को सौंप दिया गया। उसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।