नई दिल्ली, 27 दिसंबर। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने विश्वविद्यालयों को एमफिल पाठ्यक्रम पेश करने के खिलाफ चेतावनी देते हुए कहा कि यह एक मान्यता प्राप्त डिग्री नहीं है और छात्रों को ऐसे पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने के प्रति आगाह किया। आयोग ने विश्वविद्यालयों से 2023-24 शैक्षणिक वर्ष के लिए ऐसे किसी भी एमफिल पाठ्यक्रम में प्रवेश रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने को कहा है।

यूजीसी सचिव मनीष जोशी ने विश्वविद्यालयों को भेजे एक नोटिस में कहा है कि यूजीसी के संज्ञान में आया है कि कुछ विश्वविद्यालय एम.फिल. (मास्टर ऑफ फिलॉसफी) पाठ्यक्रम के लिए नए आवेदन आमंत्रित कर रहे हैं। इस संबंध में यह ध्यान में लाना है कि एम.फिल. डिग्री कोई मान्यता प्राप्त डिग्री नहीं है।

उन्होंने कहा कि यूजीसी (पीएचडी डिग्री प्रदान करने के लिए न्यूनतम मानक और प्रक्रियाएं) विनियम 2022 की विनियम संख्या 14 में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि उच्च शैक्षणिक संस्थान एम.फिल. पाठ्यक्रम की पेशकश नहीं करेंगे।

जोशी ने कहा कि इस संबंध में यह सूचित किया जाता है कि यूजीसी ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (पीएचडी डिग्री प्रदान करने के लिए न्यूनतम मानक और प्रक्रियाएं) विनियम, 2022 तैयार किया है, जिसे 7 नवंबर, 2022 को भारत के राजपत्र में प्रकाशित किया गया है। इसलिए विश्वविद्यालयों के अधिकारियों से अनुरोध है कि वे 2023-24 शैक्षणिक वर्ष के लिए एमफिल पाठ्यक्रम में प्रवेश रोकने के लिए तत्काल कदम उठाएं। इसके अलावा छात्रों को सलाह दी जाती है कि वे एमफिल पाठ्यक्रम में प्रवेश न लें।