देहरादून, 2 सितंबर । चमोली जिले में चीन सीमा तक पहुंच वाले मार्ग पर नीति घाटी में तमक नाले का बहा पुल आगे पत्थराें में फंसने से

धौलीगंगा में एक बड़ी झील बन गयी है। इस झील से निचले इलाकों में खतरे की आशंका बढ़ गई है। बीआरओ ने इस झील का पानी की निकासी के प्रयास में जुटा है। पानी की तेज प्रवाह में बहे पुल के स्थान पर बीआरओ ने वैकल्पिक पुल बनाकर यातायात शुरू कर दिया है। इसके अलावा सड़कों पर भूस्खलन से लगातार मलबा आने से बंद चल रही चारधाम यात्रा के मार्ग खोलने के प्रयासों में प्रशासन जुटा है।

चमोली राष्ट्रीय राजमार्ग बदरीनाथ कंचनगंगा, भनेरपानी, नन्दप्रयाग, चटवापीपल नंदप्रयाग, कामेडा में भूस्खलन से बंद हैं। रुद्रप्रयाग में बाईपास पर सड़क लगातार धंस रही हैं। इससे यहां वाहनों की आवाजाही खतरनाक हो सकती है। बागेश्वर जनपद में पिछले दो दिन से रुक-रुक कर लगातार से आठ ग्रामीण मोटरमार्ग बंद हैं। आपदा प्रभावित क्षेत्र बैसानी में राहत एवं बचाव कार्य जारी है। यहां लापता दो लोगों की खोज में बचाव टीमें लगी हुई हैं। सरयू व गोमती नदी का भी जलस्तर लगातार बढ़ रहा है।

प्रशासन के अनुसार उत्तरकाशी जिले के स्याना चट्टी में बारिश के चलते बनी झील का जलस्तर लगातार घट बढ़ रहा है। इसके अलावा हर्षिल में भी झील से पानी का रिसाव तेज करने के प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने जिलों को बेहद सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं।