रांची, 21 जुलाई । राज्य सरकार ने खान–पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए झारखंड पर्यटन विकास निगम (जेटीडीसी) और सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (सीसीएल) के बीच सोमवार को प्रोजेक्ट भवन में एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) किया।

मौके पर झारखंड सरकार के पर्यटन, कला-संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कार्य मंत्री सुदिव्य कुमार, पर्यटन निदेशक विजया एन. जाधव, जेटीडीसी के प्रबंध निदेशक प्रेम रंजन और सीसीएल के निदेशक (कार्मिक) नीलेंदु कुमार सिंह मौजूद थे। दोनों पक्ष की ओर से एमओयू पर हस्ताक्षर किया गया।

इस एमओयू के तहत अब पर्यटक सीसीएल की रामगढ़ स्थित नॉर्थ उरीमारी ओपनकास्ट कोल माइंस का भ्रमण कर सकेंगे। यह खान झारखंड की पहली ऐसी खदान होगी जिसे पर्यटन के लिए खोला जा रहा है।

पर्यटन मंत्री सुदिव्य कुमार ने इस पहल को झारखंड की तकनीकी विरासत और सांस्कृतिक पहचान को दुनिया के सामने लाने का बड़ा माध्यम बताया है। उन्होंने कहा कि झारखंड केवल खनिजों का भंडार नहीं, बल्कि इसकी खान संस्कृति और औद्योगिक इतिहास भी देखने योग्य है। अब पर्यटकों को खदानों की गहराई, माइनिंग तकनीक और मजदूरों की कार्यसंस्कृति का अनुभव निकट से लेने का अवसर मिलेगा।

सीसीएल के निदेशक नीलेंदु कुमार सिंह ने कहा कि कंपनी की ओर से पूरी सुरक्षा, गाइडेड विजिट और लॉजिस्टिक सपोर्ट की व्यवस्था की जाएगी, ताकि पर्यटकों को एक सुरक्षित और रोमांचकारी अनुभव मिल सके। जेटीडीसी के प्रबंध निदेशक प्रेम रंजन ने कहा कि पर्यटन को विविधता देने की दिशा में यह एक बड़ी पहल है, जिससे झारखंड में वैकल्पिक पर्यटन के नए रास्ते खुलेंगे।

समझौते की अवधि प्रारंभिक तौर पर पांच वर्षों की होगी, और भविष्य में इसमें अन्य खदानों को भी शामिल करने की योजना है। पर्यटकों के लिए रूट, गाइडलाइन, टिकटिंग और बुकिंग की विस्तृत जानकारी जेटीडीसी शीघ्र ही जारी करेगा।

झारखंड के पर्यटन मानचित्र पर यह एक नया अध्याय होगा, जहां खदानें अब केवल उत्पादन का केंद्र नहीं, बल्कि ज्ञान, रोमांच और सांस्कृतिक संवाद का भी जरिया बनेंगी। एमओयू हस्ताक्षर के दौरान मुख्य रूप से मंत्री के अलाव जेटीडीसी और सीसीएल के निदेशक सहित विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी पदाधिकारी मौजूद थे।