
कोलकाता, 6 जून पश्चिम बंगाल विधानसभा का मानसून सत्र नौ जून से आरंभ होने जा रहा है। इस बार का सत्र कई अहम मुद्दों को लेकर विशेष माना जा रहा है। खासतौर पर मुख्य विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी इस बार विधानसभा में मुर्शिदाबाद में हुई हिंदुओं के खिलाफ हिंसा को जोर-शोर से उठाने की तैयारी कर रही है। वक्फ संशोधन विधेयक के विरोध के नाम पर पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद, मालदा और अन्य हिस्सों में हुई हिंसा में सरकार के विरोध के बजाय हिंदू समुदाय को टारगेट किया गया था और पुलिस मुकदर्शक बनी हुई थी। यहां तक कि हमलावरों और हिंसा करने वालों के खिलाफ संतोषजनक कार्रवाई भी नहीं हुई है, जिसे लेकर बंगाल भाजपा इस बार विधानसभा में चर्चा की मांग करेगी। पार्टी के एक विधायक ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने पूरे विधानसभा के दौरान विधायकों की गतिविधियों को लेकर एक रोस्टर तैयार किया है।
दूसरी तरफ सत्र के दूसरे दिन भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सराहना में एक प्रस्ताव पेश किया जाएगा।
यह प्रस्ताव जम्मू-कश्मीर के पहलगाम और जम्मू में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद सेना की कार्रवाई के सम्मान में लाया जा रहा है। इस हमले में 26 लोगों की जान गई थी, जिनमें 25 पर्यटक शामिल थे।
सत्र की तैयारियों को लेकर गुरुवार को विधानसभा अध्यक्ष विमान बनर्जी की अध्यक्षता में एक सर्वदलीय बैठक और बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक हुई। बैठक में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता उपस्थित रहे, लेकिन मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी अनुपस्थित रही।
बैठक के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने भाजपा की अनुपस्थिति पर असंतोष जताते हुए कहा कि यह सत्र बेहद महत्वपूर्ण है और सभी दलों के विधायकों को इसमें सकारात्मक चर्चा के माध्यम से भागीदारी करनी चाहिए। उन्होंने कहा, “लोकतंत्र में बहस हमेशा स्वागत योग्य है, लेकिन सदन को ठप करना जनता के साथ अन्याय है, जिन्होंने अपने प्रतिनिधियों को चुनकर भेजा है।”
इधर शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि बंगाल विधानसभा का सत्र मजाक के अलावा कुछ नहीं है। विपक्ष को बोलते नहीं दिया जाता। जो जनप्रतिनिधि चुनकर आए हैं, उनकी आवाज दबा दी जाती है और सरकार की ओर से झूठे आंकड़े पेश किए जाते हैं। इस बार मुर्शिदाबाद हिंसा सहित अन्य मामलों पर सरकार को जवाब देना होगा। भाजपा विधायक जोर से उठाएंगे।
सत्र के पहले दिन दिवंगत नेताओं को श्रद्धांजलि दी जाएगी। दूसरे दिन सेना की वीरता को सम्मान देने वाला प्रस्ताव पेश होगा, जिस पर दो घंटे की विशेष चर्चा निर्धारित की गई है।
11 जून को सदन में गंगा कटाव के मुद्दे पर चर्चा होगी, जबकि 12 जून को हर घर तक जल पहुंच सुनिश्चित करने से संबंधित एक विधेयक पर बहस की जाएगी।