नई दिल्ली, 28 जून । देश में दक्षिण-पश्चिम मानसून ने पूरी रफ्तार पकड़ ली है और अब यह लगभग पूरे भारत में सक्रिय हो चुका है। दिल्ली समेत पूरे देश के कई हिस्सों में शनिवार को हुई बारिश ने मौसम को सुहावना बना दिया। दिल्ली के आरके पुरम, वैशाली, मयूर विहार, आईजीआई एयरपोर्ट समेत कई इलाकों में दोपहर बाद हुई बारिश से सड़कों पर जलभराव हो गया।

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार आने वाले पांच दिनों यानी 28 जून से 2 जुलाई तक देश के अधिकतर हिस्सों में भारी से अत्यधिक भारी वर्षा की संभावना जताई गई है। मानसून की सक्रियता के कारण उत्तर, पश्चिम, मध्य, पूर्व, पूर्वोत्तर और दक्षिण भारत में व्यापक वर्षा देखने को मिलेगी। मौसम विभाग ने कई राज्यों के लिए चेतावनी भी जारी की है, वहीं दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में भी अगले कुछ घंटों में भारी बारिश की संभावना है।

उत्तर-पश्चिम भारत की बात करें तो उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में 30 जून को कुछ स्थानों पर अत्यधिक भारी वर्षा हो सकती है। हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और राजस्थान में भी 28 जून से 4 जुलाई के बीच भारी से बहुत भारी वर्षा का पूर्वानुमान है। विशेष रूप से 29-30 जून को हरियाणा और पंजाब में, जबकि 1 से 4 जुलाई तक पूर्वी राजस्थान में मौसम अत्यधिक सक्रिय रहेगा। तेज़ हवाओं और गरज के साथ बारिश की भी संभावना है। इन राज्यों में वर्षा के साथ-साथ आंधी और बिजली गिरने की घटनाएं भी हो सकती हैं।

पश्चिम भारत के कोंकण, गोवा, मध्य महाराष्ट्र के घाट क्षेत्रों और गुजरात राज्य में अगले सात दिनों तक भारी से बहुत भारी वर्षा की संभावना है। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, बिहार और पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों में 28 जून से 4 जुलाई के बीच भारी वर्षा होने की संभावना है। खासकर 1 एवं 2 जुलाई को विदर्भ और छत्तीसगढ़ में बहुत भारी वर्षा हो सकती है। अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय और नगालैंड में भी मानसून पूरी ताकत से सक्रिय है। मौसम विभाग ने इन राज्यों के लिए 2 से 4 जुलाई के बीच बहुत भारी वर्षा की चेतावनी दी है।

28 जून तक पिछले 24 घंटों में कई राज्यों में भारी वर्षा रिकॉर्ड की गई है। उत्तराखंड के चमौली में 18 सेमी, देहरादून के जौलीग्रांट में 17 सेमी और बागेश्वर जिले के लोहारखेत में 14 सेमी वर्षा दर्ज की गई। मध्य प्रदेश के पन्ना, सतना, टीकमगढ़, मंडला और कटनी जिलों में भी 7 से 13 सेमी तक वर्षा हुई। पूर्वी मध्य प्रदेश में भी कई स्थानों पर अच्छी बारिश दर्ज की गई।

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में मायाबंदर में 13 सेमी और लॉन्ग आइलैंड में 3 सेमी वर्षा दर्ज की गई। पंजाब के रूपनगर जिले में लोहंड में 11 सेमी, कोटला में 10 सेमी और भरतगढ़ में 7 सेमी बारिश हुई। ओडिशा के बालासोर, भद्रक और मयूरभंज जिलों में भी 7 से 11 सेमी तक वर्षा दर्ज की गई। उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में घोरावल और रॉबर्ट्सगंज में 8 से 10 सेमी तक बारिश हुई। महाराष्ट्र के इगतपुरी और कोल्हापुर जिलों में 7 से 10 सेमी तक वर्षा दर्ज की गई।

हरियाणा के यमुनानगर में ताजेवाला में 9 सेमी, छत्तीसगढ़ के बलौदा में 9 सेमी, नागालैंड के जुन्हेबोटो में 9 सेमी, तटीय कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिले में कादरा और कैसल रॉक में क्रमशः 9 और 8 सेमी वर्षा हुई। गुजरात के देवभूमि द्वारका जिले में कल्याणपुर, द्वारका तथा कच्छ जिले के मांडवी में 5 से 8 सेमी वर्षा हुई। केरल के इडुक्की और कन्नूर जिलों में भी 7 से 8 सेमी तक बारिश दर्ज की गई।

तेज हवाओं की बात करें तो हिमाचल प्रदेश के रिकांग पीईओ में 65 किमी प्रति घंटा, सौराष्ट्र के वेरावल में 59 किमी प्रति घंटा और अंडमान के श्री विजयपुरम में 53 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चलीं। मध्य महाराष्ट्र के महाबलेश्वर, विल्होली और सांगोला में 43 से 52 किमी प्रति घंटा, वहीं उत्तर प्रदेश के आगरा में भी 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं।