नैनीताल, 6 अक्टूबर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उत्तराखंड का दौरे को अंतिम रूप दिया जा चुका है। प्रधानमंत्री दिल्ली से पहले शिव की नगरी और प्रसिद्ध जागेश्वर धाम पहुंचेंगे तथा उसके बाद आदि कैलाश की यात्रा पर जायेंगे। उत्तराखंड के कुमाऊं के लिये उनका यह दौरा ऐतिहासिक साबित होगा।
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने शुक्रवार को हल्द्वानी में पत्रकारों से कहा कि बदरीनाथ-केदारनाथ के बाद प्रधानमंत्री कुमाऊं मंडल का दौरा करेंगे।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री के कार्यक्रम को अंतिम रूप दे दिया गया है। प्रधानमंत्री 12 अक्टूबर को सुबह पहले जागेश्वर धाम पहुंचेंगे। यहां दर्शन के बाद चीन सीमा से सटे ज्योलिंकोंग जायेंगे और यहां आदि कैलाश के दर्शन करेंगे।
प्रधानमंत्री अंतिम गांव गुंजी भी जायेंगे और वहां स्थानीय लोगों के साथ ही भारत तिब्बत सीमा पुलिस के जवानों से मिलेंगे। उच्च हिमालयी क्षेत्र के ग्रामीण उनका पारंपरिक तरीके से स्वागत करेंगे।
इसके अलावा प्रधानमंत्री पिथौरागढ़ जनपद मुख्यालय स्थित वल्दिया स्टेडियम मे जनसभा को संबोधित करेंगे, रात्रि विश्राम चंपावत के मायावती आश्रम में करेंगे। अगले दिन वे दिल्ली के लिये रवाना हो जायेंगे।
जोशी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा था कि अगला दशक उत्तराखंड का होगा। यह बात साबित हो रही है। चारधाम के बाद प्रधानमंत्री के दौरे से केदारनाथ आदि कैलाश की यात्रा ऐतिहासिक साबित होगी। सीमांत्र क्षेत्र में पर्यटन को चार चांद लगेंगे।
उन्होंने आगे कहा कि पिथौरागढ़ में प्रस्तावित प्रधानमंत्री की जनसभा भी ऐतिहासिक होगी। उनके दौरे को लेकर प्रदेश की जनता उत्साहित है और पिथौरागढ़ में विशाल जनसभा होगी।
उन्होंने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री के दौरे को लेकर तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं। अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ के साथ ही चंपावत जिला प्रशासन तैयारियों को अंतिम रूप देने में लगा है। इस दौरान सुरक्षा के चाक चौबंद व्यवस्था रहेगी।