नयी दिल्ली, 06 अक्टूबर। भारत में जी-20 शिखर सम्मेलन के सफल आयोजन के बाद अब 12 अक्टूबर से तीन दिवसीय पी-20 शिखर सम्मेलन हो रहा है जिसमें जी-20 के सदस्यों के साथ ही 30 देशों के प्रतिनिधि शामिल होंगे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस वैश्विक सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शुक्रवार को यहां संसद भवन परिसर में संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी। बिरला ने कहा, ‘पी-20 शिखर सम्मेलन 12, 13 और 14 अक्टूबर को यहां इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर-यशोभूमि में आयोजित किया जाएगा जिसमें 30 देशों के 350 से अधिक प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। सम्मेलन में जी-20 देशों की संसद, आमंत्रित देश, अफ्रीकी संघ, लगभग 26 संसदों के अध्यक्ष, 10 उपाध्यक्ष, विदेशी समितियों के अध्यक्ष, सांसदों की अंतरराष्ट्रीय निकाय अंतर संसदीय संघ-आईपीयू के अध्यक्ष और 50 से अधिक सांसद, 14 महासचिव पी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे।”
उन्होंने कहा कि पी-20 शिखर सम्मेलन यशोभूमि में आयोजित होगा और प्रधानमंत्री 13 अक्टूबर को सुबह 11 बजे इस शिखर बैठक का उद्घाटन करेंगे। उनका कहना था कि भारत को जी-20 की अध्यक्षता के साथ ही इंडोनेशिया में पिछले वर्ष पी-20 की अध्यक्षता का दायित्व भी मिला था और दिल्ली में हो रहे इस सम्मेलन में पी-20 के अब तक हुए सम्मेलनों की तुलना में ज्यादा सदस्य हिस्सा ले रहे हैं।
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि यह 9वां पी-शिखर सम्मेलन होगा और इसका विषय “एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य के लिए संसद” है। तीन दिन तक चलने वाली इस बैठक का आयोजन यशोभूमि के साथ ही संसद के नये भवन में भी किया जाएगा। जी-20 देशों की पी-20 बैठकें अब तक आठ बार आयोजित की जा चुकी हैं और पिछली बैठक इंडोनेशिया के जकार्ता में हुई थी। इसी बैठक में पी-20 की अध्यक्षता भारत को सौंपी गई थी।
बिरला ने कहा कि सम्मेलन में जी-20 के सदस्य अर्जेटीना, आस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको, दक्षिण कोरिया, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्किये, ब्रिटेन, अमेरिका, यूरोपीय संघ तथा पैन अफ्रीकी संसद के अलवा आमंत्रित देश बंगलादेश, मिस्र, मारीशस, नीदरलैंड, नाइजीरिया, ओमान, सिंगापुर, स्पेन, संयुक्त अरब अमीरात तथा अंतरराष्ट्रीय संसदीय संघ और राष्ट्र मंडल संसदीय संघ भी शामिल हो रहा है।सम्मेलन के दौरान 12 अक्टूबर को यशोभूमि में पर्यावरण अनुकूल जीवन शैली के बारे में संसदीय मंच का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। सम्मेलन में लोकतांत्रिक परंपराओं की जनकारी के बारे में ‘लोकतंत्र की जननी’ नाम से एक प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया है।
उन्होंने कहा कि 13 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा सम्मेलन का उद़घाटन किए जाने के बाद प्रतिनिधियों को संसद के नवनिर्मित भवन में ले जाया जाएगा जहां वे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करेंगे। संसद भवन में भी प्रतिनिधियों के लिए सांस्कृतिक संध्या और रात्रि भोज का आयोजन किया गया है। सम्मेलन के दौरान विभिन्न विषयों पर दुनियाभर की संसद से आए प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे और सम्मेन के समापन के बाद एक संयुक्त घोषणा पत्र भी जारी किया जाएगा।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि शि़खर सम्मेलन के दौरान चार सत्र होंगे। सम्मेलन में आयोजित सत्रों में लोकतंत्र की शक्तियों पर आधारित विषय पर चर्चा होगी जबकि महिलाओं के नेतृत्व में विकास पर समानता सत्र में होगी। इसी तरह से पब्लिक डिजिटल प्लेटफार्मों के माध्यम से लोगों के जीवन में बदलाव लाने पर आधारित सत्र होगा जिसमें डिजीटल के जरिए आ बदलावा में जनता के प्रति संसद के दायित्वों के निर्वहन पर चर्चा होगी।
उन्होंने कहा कि सम्मेलन का समापन संयुक्त वक्तव्य के साथ होगा जिसमें जी-20 सरकारों में समानता, समावेशिता और शांति के आधार पर प्रमुख वैश्विक चुनौतियों का समाघान देने का अग्रह किया जाएगा। कनाडा और चीन के प्रतिनिधियों के बारे में पूछे गये सवाल पर उन्होंने कहा कि कनाडा के निचले सदन के अघ्यक्ष और चीन की संसद के उपाध्यक्ष शामिल हो रहे हैं।