नयी दिल्ली, 13 अक्टूबर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पी 20 के प्रतिनिधियों से अगले वर्ष होने वाले आम चुनाव को देखने के लिए आमंत्रित करते हुये कहा कि इस चुनाव में 100 करोड़ मतदाता मतदान करने जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को यहां यशोभूमि कन्वेंशन सेंटर में जी 20 देशों के संसदीय अध्यक्षों के नौवें पी 20 सम्मेलन का औपचारिक शुभारंभ करते हुये कहा, “ मैं पी-20 सम्मेलन में आए आप सभी प्रतिनिधियों को अगले वर्ष होने वाले आम चुनाव को देखने के लिए अग्रिम निमंत्रण देता हूं। भारत को आपको एक बार फिर मेजबानी करने में बहुत खुशी होगी।”
मोदी ने कहा कि समय के साथ भारत की संसदीय प्रक्रियाओं में निरंतर सुधार हुआ है, ये प्रक्रियाएं और सशक्त हुई हैं। भारत में लोग आम चुनाव को सबसे बड़ा पर्व मानते हैं। वर्ष 1947 में आजादी के मिलने के बाद से अभी तक भारत में 17 आम चुनाव और राज्य विधानसभाओं के 300 से अधिक चुनाव हो चुके हैं। भारत, दुनिया का सबसे बड़ा चुनाव ही नहीं कराता, बल्कि इसमें लोगों की भागीदारी लगातार बढ़ रही है।उन्होंने कहा, “वर्ष 2019 के आम चुनाव में देशवासियों ने मेरी पार्टी को लगातार दूसरी बार विजयी बनाया है। साल 2019 का आम चुनाव मानवीय इतिहास की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक प्रक्रिया थी। इसमें 60 करोड़ से अधिक मतदाताओं ने हिस्सा लिया था। आप कल्पना कर सकते हैं, तब भारत में 91 करोड़ पंजीकृत मतदाता थे। ये पूरे यूरोप की कुल आबादी से भी अधिक है। भारत के कुल पंजीकृत मतदाताओं में से 70 प्रतिशत के आसपास का टर्न-आउट ये दिखाता है, कि भारत में संसदीय प्रक्रिया पर लोगों का कितना ज्यादा भरोसा है और इसमें भी एक महत्वपूर्ण कारक महिलाओं की सबसे अधिक भागीदारी रही। वर्ष 2019 के आम चुनाव में भारत की महिलाओं ने रिकॉर्ड संख्या में वोट डाला। सिर्फ संख्या में ही नहीं, बल्कि राजनीतिक प्रतिनिधित्व के मामले में भी भारत के चुनाव जैसा उदाहरण दुनिया में नहीं मिलेगा।”
उन्होंने कहा कि वर्ष 2019 के आम चुनाव में 600 से ज्यादा राजनीतिक दलों ने हिस्सा लिया था। इन चुनावों में एक करोड़ से ज्यादा सरकारी कर्मचारियों ने चुनाव का काम किया था। चुनाव के लिए देश में 10 लाख से ज्यादा मतदान केन्द्र बनाए गए थे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि समय के साथ भारत ने चुनावी प्रक्रिया को आधुनिक टेक्नोलॉजी से भी जोड़ा है। भारत करीब 25 साल से इलेक्ट्रानिक मतदान मशीन (ईपीएम) का इस्तेमाल कर रहा है। ईवीएम के उपयोग से यहां चुनाव में पारदर्शिता और चुनावी प्रक्रिया में दक्षता दोनों बढ़ी है। भारत में वोटों की गिनती शुरू होने के कुछ ही घंटों में चुनाव परिणाम आ जाते हैं।
उन्होंने कहा कि भारत की संसद ने हाल ही एक बहुत बड़ा निर्णय लिया है। भारत ने अपनी संसद और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय़ किया है। भारत में स्थानीय निकायों में करीब 32 लाख से अधिक निर्वाचित प्रतिनिधि हैं। इनमें से करीब 50 प्रतिशत महिला प्रतिनिधि हैं। भारत, आज हर क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा दे रहा है। हाल ही में संसद द्वारा लिया गया फैसला भारतीय संसदीय परंपरा को और समृद्ध करेगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, “भारत की संसदीय परंपराओं पर देशवासियों के अटूट विश्वास की एक और बड़ी वजह है, जिसे आपको जानना और समझना बहुत अहम है। ये शक्ति है, हमारी विविधता, हमारी विशालता, हमारी वाइब्रेंसी। हमारे यहां हर आस्था के लोग हैं। सैकड़ों तरह का खानपान, सैकड़ों तरह का रहन-सहन हमारी पहचान है। भारत में सैकड़ों भाषाएं बोली जाती हैं, हमारे यहां सैकड़ों बोलियां हैं।”
उन्होंने कहा कि लोगों तक पल-पल की सूचनाएं पहुंचाने के लिए 28 भाषाओं में, 900 से ज्यादा टीवी चैनल भारत में हैं। करीब 200 भाषाओं में यहां 33 हजार से ज्यादा अलग-अलग समाचार पत्र प्रकाशित होते हैं। यहां सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर लगभग तीन अरब यूजर्स हैं। इससे पता चलता है कि भारत में सूचना का प्रवाह और अभिव्यक्ति की आजादी का स्तर कितना सशक्त है।
उन्होंने कहा, “21वीं सदी की इस दुनिया में, भारत की ये वाइब्रेंसी, विविधता में एकता, हमारी बहुत बड़ी शक्ति है। ये वाइब्रेंसी हमें हर चुनौती से लड़ने की, हर मुश्किल का मिलकर समाधान करने की प्रेरणा देती है।”