कोलकाता, 07 मई  । पश्चिम बंगाल सरकार ने आज से पूरे राज्य में सुरक्षा तैयारियों की जांच के लिए सात दिवसीय मॉक ड्रिल की शुरुआत की है। यह अभ्यास हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के मद्देनजर किया जा रहा है। सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कोलकाता में 90 से अधिक और जिलों में 25-30 सायरन लगाए गए हैं। इन सभी की कार्यक्षमता का परीक्षण किया जाएगा। कोलकाता के महाजाति सदन, नागरिक सुरक्षा भवन, कलकत्ता हाई कोर्ट, लालबाजार स्थित पुलिस मुख्यालय सहित कई सरकारी भवनों की छतों पर सायरन लगाए गए हैं। इन सायरनों को मॉक ड्रिल के दौरान सक्रिय किया जाएगा।अधिकारी ने कहा कि इस अभ्यास में सामान्य जनता को शामिल नहीं किया गया है, लेकिन सुरक्षा व्यवस्था से जुड़े सभी लोगों की भागीदारी अनिवार्य है ताकि आपातकालीन स्थितियों में आम जनता को सुरक्षित रखा जा सके। इसके तहत राज्यभर में 55 हजार नागरिक स्वयंसेवकों और 7,200 आपदा मित्रों को प्रशिक्षित किया गया है। उन्होंने बताया कि जरूरत पड़ने पर एनसीसी, स्काउट्स और गाइड्स की मदद से भी जागरूकता फैलाई जा सकती है। इसके अलावा नगरपालिका, पुलिस, अग्निशमन विभाग और पंचायतों को भी सतर्क किया गया है। सोशल मीडिया के माध्यम से भी लोगों को जानकारी दी जा रही है।

बंकर की व्यवस्था भी तैयार, मेट्रो और मॉल के बेसमेंट होंगे इस्तेमालकोलकाता में मेट्रो रेल के भूमिगत हिस्सों को इनबिल्ट बंकर के रूप में देखा जा रहा है। इसके साथ ही, विभिन्न शॉपिंग मॉल और बहुमंज़िला इमारतों की बेसमेंट पार्किंग तथा रायटर्स बिल्डिंग के सामने स्थित भूमिगत पार्किंग को भी बंकर के रूप में चिन्हित किया गया है। जिलों में नहरों के किनारे टिन की छत लगाकर अस्थायी बंकर बनाए जा सकते हैं।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य को दिए निर्देश, सीमाओं पर विशेष सतर्कताकेंद्र सरकार ने राज्य के 23 जिलों में कुल 31 मॉक ड्रिल आयोजित करने की घोषणा की है। मंगलवार को केंद्रीय गृह सचिव और राज्य के मुख्य सचिव मनोज पंत, नागरिक सुरक्षा महानिदेशक और अन्य अधिकारियों के बीच हुई एक वर्चुअल बैठक में बताया गया कि बंगाल की सीमा बांग्लादेश, नेपाल और भूटान से लगती है, इसलिए सीमा सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। राज्य ने केंद्र को बताया है कि उसके पास 62 सैटेलाइट फोन मौजूद हैं। गृह मंत्रालय के निर्देश के अनुसार मॉक ड्रिल के दौरान हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरनों का संचालन, नागरिकों को आत्म-सुरक्षा की ट्रेनिंग, बंकरों और खाइयों की सफाई, आपात निकासी योजनाओं की समीक्षा और अभ्यास, महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों को छिपाने की व्यवस्था, और बिजली कटौती की योजना का परीक्षण शामिल है।

वायुसेना से संपर्क प्रणाली की भी होगी जांचड्रिल के दौरान भारतीय वायुसेना के साथ हॉटलाइन और रेडियो संपर्क की जांच, कंट्रोल रूम और शैडो कंट्रोल रूम की कार्यक्षमता का परीक्षण भी किया जाएगा ताकि किसी भी आपातकाल में त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित की जा सके।