कोलकाता, 8 जुलाई। पश्चिम बंगाल में भीड़ की हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। उत्तर 24 परगना जिले के के बसीरहाट में मटिया थाने के राजेंद्रपुर ग्राम पंचायत के ममिनपुर उत्तर पाड़ा में एक युवक को कंधे पर बोरी लेकर चलते देख, लोगों ने उसे बच्चा चोर समझकर खंभे से बांधकर पिटाई कर दी।
स्थानीय लोगों के अनुसार, युवक असंगत बातें कर रहा था और इलाके में इधर-उधर घूम रहा था। इसी दौरान, कुछ लोगों ने उसे बच्चा चोर समझ लिया और मारपीट शुरू कर दी।
पुलिस ने मौके पर पहुंचकर युवक को बचाया और उसे चिकित्सकीय जांच के लिए ले जाया गया। पुलिस का कहना है कि युवक मानसिक रूप से अस्थिर है और उसका घर शासनी थाना क्षेत्र के शासन गांव में है। युवक को उसके परिवार वालों को सौंपने की प्रक्रिया चल रही है।
हाल के दिनों में राज्य के विभिन्न हिस्सों में बच्चा चोर के शक में भीड़ द्वारा लोगों को पीटने की घटनाएं बढ़ गई हैं। उत्तर 24 परगना जिले में ऐसी घटनाएं सबसे ज्यादा सुनने को मिली हैं, जिनमें कई लोग गंभीर रूप से घायल हो चुके हैं और कुछ की मौत भी हो चुकी है। पुलिस ने बार-बार जनता से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें, लेकिन इसके बावजूद, इस तरह की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं।
बारासात के काजीपाड़ा इलाके में एक बालक की हत्या के बाद इन घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है। इसके बाद बारासात में तीन लोगों को भीड़ ने पीट-पीटकर घायल कर दिया। अलीपुरद्वार के अशोकनगर में भी एक युवती को बच्चा चोर समझकर मारपीट की घटना सामने आई। जब पुलिस ने युवती को बचाने की कोशिश की, तो भीड़ ने पुलिस पर भी हमला कर दिया।
गाईघाटा में भी ऐसी ही घटना हुई, जहां ट्रेन के अंदर एक महिला को बच्चा चोर समझकर घेर लिया गया और लोगों ने उस पर हमला किया। आरपीएफ के हस्तक्षेप के बाद स्थिति को संभाला गया और बच्चे को चाइल्ड लाइन को सौंपा गया। बाद में यह साबित हुआ कि बच्चा बसंती पांडे का ही था, लेकिन उसे सात दिन बाद ही बच्चा वापस मिला।
रविवार को, भांगड़ में एक शख्स को चोर समझकर पीटा गया, जिससे उसकी मौत हो गई। उसकी पहचान आजगर मोल्ला (42) के रूप में हुई।
इस प्रकार की घटनाओं से राज्य में भय और असुरक्षा का माहौल बन गया है। पुलिस द्वारा जनता से अफवाहों पर ध्यान न देने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना पुलिस को देने की अपील की जा रही है, ताकि इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।