कोलकाता 20 जनवरी। कोलकाता स्थित मैथिली भाषियों की सामाजिक संस्था मिथिला सेवा ट्रस्ट के तत्वावधान में प्रतिवर्ष आयोजित होने वाला दो दिवसीय मिथिला विभूति पर्व समारोह उल्लास के साथ संपन्न हुआ।
बागुईआटी के जर्दाबगान स्थित बंधुमहल क्लब परिसर में आयोजित कार्यक्रम के प्रथम दिन सामूहिक हनुमान चालीसा पाठ एवं अखंड अष्टयाम संकीर्तन से माहौल भक्तिमय रहा।

अगले दिन रविवार को मैथिली के महान कवि विद्यापति की स्मृति में मिथिला विभूति पर्व समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन संस्था के सदस्यों ने मिलकर किया। साहित्य अकादेमी से सम्मानित साहित्यकार डॉ. अनमोल झा ने मुख्य वक्ता के रूप में मातृभाषा के महत्व के बारे में बताया।

मिथिला सेवा ट्रस्ट के संस्थापक अध्यक्ष रमाकांत झा ने बताया कि समारोह से पूर्व गरीबों में कंबल वितरण भी किया गया। उन्होंने कहा कि समारोह के दौरान साहित्यकार मिथिलेश कुमार झा को बाबू साहेब चौधरी सम्मान, समाजसेवी सीए शिवचरण शुक्ल को मिथिला संकीर्तन मंडली सम्मान, तथा डॉ. रामसेवक ठाकुर को जानकी संतति सम्मान से विभूषित किया गया। वहीं बिधाननगर की बोडो चेयर पर्सन पियाली सरकार को उनके योगदान को देखते हुए मिथिबंग गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया। इससे पूर्व स्थानीय छात्रा स्नेहा झा ने विद्यापति रचित विख्यात भगवती वंदना “जय जय भैरवि” का गायन किया।

कार्यक्रम के दौरान ही लेखक राधेश्याम झा लिखित नाटक पुस्तक “हमर दुखक नहि ओर” का विमोचन किया गया। इस अवसर पर लेखक ने अपने अनुभव साझा किए। समारोह के अंत में कुंजबिहारी मिश्र, माधव राय, रचना झा व हेमकांत झा प्यासा सहित मिथिला के कई नामचीन कलाकारों ने गीत-संगीत व सांस्कृतिक कार्यक्रम से समां बांध दिया। देर रात तक लोगों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम का लुत्फ उठाया। मिथिला के सुप्रसिद्ध उद्घोषक डॉ. रामसेवक ठाकुर ने सांस्कृतिक कार्यक्रम का संचालन किया।

कार्यक्रम को सफल बनाने में मिथिला सेवा ट्रस्ट सदस्यों ने उत्साह और उमंग से मिलकर काम किया। संस्थापक चेयरमैन रमाकांत झा ने बताया कि समाज और सदस्यों के सहयोग से ही यह कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हुआ है।