नई दिल्ली, 21 जनवरी । केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ (बीबीबीपी) योजना की 10वीं वर्षगांठ मनाने जा रहा है। इस योजना के दस साल पूरे होने के मौके पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम 22 जनवरी से शुरू हो कर 8 मार्च तक चलेंगे। यानी इस जश्न का समापन अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर होगा। विज्ञान भवन में बुधवार को आयोजित होने वाले कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा, केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी और राज्यमंत्री सावित्री ठाकुर भी शामिल होंगी।

इस कार्यक्रम में सशस्त्र बलों, अर्धसैनिक बलों और दिल्ली पुलिस की महिला अधिकारी भाग लेंगी। इसके अलावा केंद्रीय मंत्रालयों की उप सचिव और उससे ऊपर के स्तर की महिला अधिकारी भी विज्ञान भवन में आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में शामिल होंगी।

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि इस कार्यक्रम में छात्राओं (माई भारत स्वयंसेवक), आंगनवाड़ी पर्यवेक्षक एवं कार्यकर्ता और जिले के प्रतिनिधियों को भी इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है।

इस कार्यक्रम में संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनीसेफ), संयुक्त राष्ट्र महिला संगठन, संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी), संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए), विश्व बैंक और जर्मन एजेंसी फॉर इंटरनेशनल कोऑपरेशन (जीआईजेड) जैसे अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि भी भाग लेंगे।

विज्ञान भवन में उद्घाटन समारोह में मिशन वात्सल्य और मिशन शक्ति पोर्टल का भी शुभारंभ किया जाएगा। कार्यक्रम में रैलियां, सांस्कृतिक कार्यक्रम, सम्मान समारोह और संकल्प की गतिविधियां शामिल हैं। महिला सशक्तीकरण केंद्र के तहत अभियान शामिल होंगे, जिसमें स्कूली छात्राएं, सफल महिलाएं और सामुदायिक समूह सहित विविध हितधारकों को शामिल किया जाएगा।

पूरे उत्सव के दौरान प्रिंट, डिजिटल और सोशल मीडिया के माध्यम से देशभर में अभियान चलाकर योजना के संदेश को प्रचारित किया जाएगा। इसमें वृक्षारोपण अभियान भी चलाया जाएगा।

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान को 22 जनवरी 2015 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा हरियाणा के पानीपत में भारत में लिंग असंतुलन और घटते बाल लिंग अनुपात (सीएसआर) को खत्म करने के लिए शुरू किया गया था। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान लिंग असंतुलन और घटते बाल लिंग अनुपात की चिंताजनक स्थितियों के जवाब में शुरू किया गया था, जो अपने नीतिगत पहल से राष्ट्रीय आंदोलन में बदल गया।

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान ने लैंगिक भेदभाव को दूर करने और बालिकाओं के महत्व को समझने तथा उनके अधिकारों और अवसरों को सुनिश्चित करने की दिशा में सांस्कृतिक बदलाव को बढ़ावा देने के लिए सरकारी एजेंसियों, सिविल सोसायटी, मीडिया और जनता को संगठित किया है। इसकी प्रमुख उपलब्धियों में जन्म के समय राष्ट्रीय लिंग अनुपात, जो 2014-15 में 918 था, वह 2023-24 में सुधर कर 930 हो गया। माध्यमिक स्तर पर लड़कियों का सकल नामांकन अनुपात 2014-15 में 75.51 प्रतिशत था, जो 2023-24 में सुधर कर 78 प्रतिशत हो गया। संस्थागत प्रसव 61 से बढ़कर 97.3 प्रतिशत तक पहुंचा और पहली तिमाही में प्रसवपूर्व देखभाल पंजीकरण 61 से बढ़कर 80.5 प्रतिशत तक पहुंचा, जो उल्लेखनीय सुधार में शामिल है।

पिछले कुछ वर्षों में बीबीबीपी ने महिला सशक्तीकरण को प्रदर्शित करने वाले यशस्विनी बाइक अभियान, कन्या शिक्षा प्रवेश उत्सव , जिसके तहत स्कूल न जाने वाली 100,000 से अधिक लड़कियों का फिर से नामांकन हुआ।