कोलकाता, 20 जून । शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार के मामले में संलिप्तता के आरोप में न्यायिक हिरासत में बंद पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक ने गुरुवार को कलकत्ता हाईकोर्ट की एकल पीठ के समक्ष जमानत याचिका दायर की है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने चिकित्सा आधार पर पेश की गई जमानत याचिका का विरोध किया है। केंद्रीय जांच एजेंसी के वकील ने मामले में अपनी दलीलें पेश करने के लिए न्यायमूर्ति शुभ्रा घोष की एकल पीठ से कुछ समय मांगा है। न्यायमूर्ति घोष ने ईडी के वकील की याचिका को मंजूरी दे दी और उन्हें अपनी दलीलें पेश करने के लिए चार दिन का समय दिया। मामले की सुनवाई 25 जून को फिर से होगी।
मधुमेह और उच्च रक्तचाप के मरीज मल्लिक पिछले कुछ समय से सुधार गृह में चिकित्सा जटिलताओं की शिकायत कर रहे थे। 2023 की अंतिम तिमाही में न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के कुछ दिनों बाद, उन्हें दक्षिण कोलकाता में सरकारी एस.एस.के.एम. मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में भर्ती कराया गया।बाद में उन्हें दक्षिण कोलकाता में ही प्रेसीडेंसी सेंट्रल करेक्शनल होम में वापस भेज दिया गया।
ईडी द्वारा दायर चार्जशीट में उन्हें पहले ही राशन वितरण मामले में मुख्य आरोपित के रूप में नामित किया जा चुका है। चार्जशीट में, केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने यह भी विस्तार से बताया है कि पूर्व मंत्री अपने करीबी सहयोगियों की मदद से विभिन्न चैनलों के माध्यम से अवैध रूप से अर्जित आय को कैसे डायवर्ट करते थे। चार्जशीट में यह भी विस्तार से बताया गया है कि कैसे हवाला के जरिए मुख्य रूप से बांग्लादेश और दुबई में धन को डायवर्ट किया गया।