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कोलकाता, 13 जनवरी । पश्चिम बंगाल सरकार सरकारी स्कूलों में शिक्षकों और छात्रों के असमान अनुपात को सुधारने के लिए बड़े बदलाव की तैयारी कर रही है। शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने हाल ही में सरकारी स्कूलों के विलय का संकेत दिया, जिसके तहत संसाधनों का पुनर्वितरण कर संतुलित अनुपात सुनिश्चित किया जाएगा।
राज्य में इस समय तीन हजार 254 सरकारी स्कूल ऐसे हैं, जहां एक भी छात्र नामांकित नहीं है। इसके बावजूद इन स्कूलों में 14 हजार 627 शिक्षक आधिकारिक रूप से तैनात हैं। इसके विपरीत, छह हजार 366 स्कूल ऐसे हैं, जहां 100 से अधिक छात्र हैं, लेकिन केवल एक शिक्षक नियुक्त है।
सरकार का मानना है कि निकटवर्ती स्कूलों का विलय कर संसाधनों और स्टाफ का बेहतर उपयोग किया जा सकता है। वर्तमान में राज्य में प्रति स्कूल औसतन 192 छात्र और छह शिक्षक हैं, जिससे शिक्षकों और छात्रों का औसत अनुपात 1:32 है। शिक्षा विभाग को भरोसा है कि इस पहल से शिक्षा प्रणाली में सुधार होगा।
हालांकि, इस योजना पर वामपंथी छात्र संगठन, स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) ने कड़ी आलोचना की है। एसएफआई ने सरकार पर आरोप लगाया है कि वह स्कूलों का विलय कर मूलभूत ढांचे और शिक्षकों की भर्ती की समस्या को टालने की कोशिश कर रही है।