नयी दिल्ली, 17 नवंबर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मीडिया में कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर आधारित ‘डीप फेक’ पोस्ट को देश की आंतरिक सुरक्षा एवं स्थिरता के लिए संभावित खतरा बताते हुए मीडिया से अपील की कि वे देश में इसके प्रभावों एवं खतरों को लेकर जनता को जागरूक करें।

मोदी ने शुक्रवार को यहां भारतीय जनता पार्टी मुख्यालय पर आयोजित पत्रकार दिवाली मिलन समारोह में बड़ी संख्या में आये पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि एआई के कारण मीडिया में डीप फेक का एक बड़ा संकट आ रहा है। इसे लेकर जनता के पास सत्यापन की कोई व्यवस्था नहीं है। उन्होंने कहा, “एआई के जमाने में जिस प्रकार से डीपफेक फैल रहा है, वह एक बड़ा संकट है। ये समाज में असंतोष की आग भी बहुत तेजी से फैला सकता है। कहीं कोई गलत बात हो जाए तो सरकार के लिए नयी मुसीबत खड़ी हो सकती है।”

उन्होंने कहा कि इसी प्रकार के एक डीप फेक वीडियो में स्वयं उनका एक वीडियो बना कर डाला गया है जिसमें गरबा गाते हुए दिखाये गये हैं। उन्होंने कहा कि इस बारे में हमारे कार्यक्रमों के जरिए लोगों को जागरूक करें कि डीपफेक है क्या, कितना बड़ा संकट पैदा कर सकता है और इसके प्रभाव क्या हो सकता हैं, उसको उदाहरणों के साथ लोगों को बताया जाए। उन्होंने कहा कि लोगों को इसका शास्त्र समझाने की नहीं बल्कि उसके प्रभाव के बारे में अधिक समझाने की आवश्यकता है।

 

प्रधानमंत्री ने कहा कि चैट जीपीटी वाले उनसे मिलने आये थे तो इस बारे में बात हुई थी, इस पर चैट जीपीटी वालों ने कहा था कि बन तो गया है लेकिन इसे वापस लेना संभव नहीं है। इस पर उन्होंने सुझाव दिया था कि डीप फेक वाली हर कृति पर ‘डीप फेक’ अंकित किया जाना चाहिए।

 

पत्रकारों के कल्याण एवं स्वास्थ्य को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए  मोदी ने कहा कि कोविड की महामारी में कई पत्रकारों को और कई पत्रकारों के परिजनों का निधन हुआ। लेकिन हमें यह जानकर और भी दुख हुआ कि हमने हाल ही में कुछ युवा पत्रकारों को खो दिया है। 40 से 50 की आयु वाले पत्रकारों का इस तरह से चले जाना बहुत पीड़ा देता है। हमारा जीवन अधिकांश समय बहुत तनावपूर्ण और व्यस्त रहता है…हमें 40 के बाद उचित चिकित्सा जांच की एक प्रणाली स्थापित करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार और व्यावसायिक घरानों, दोनों को मिल कर एक ऐसी प्रणाली स्थापित करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि हम इतनी कम उम्र में किसी युवा और प्रतिभाशाली पत्रकार को न खोएँ।”

 

मोदी ने कहा कि किसी भी देश या समाज के जीवन में कुछ कालखंड ऐसे होते हैं जो हमें वैश्विक छलांग लगाने का मौका देते हैं। भारत में भी शायद ऐसा ही यह कालखंड हमें भव्यता की ओर ले जाने का अवसर लेकर आया है। विकसित भारत का नारा कोई कल्पना नहीं सच्चाई है। उन्होंने कहा, “वोकल फॉर लोकल’ के आह्वान को लोगों का समर्थन मिला है। इस एक सप्ताह में 4.5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का करोबार हुआ है। ये देश के लिए बहुत बड़ी बात होती है, इससे हर छोटे-मोटे व्यक्ति की कमाई होती है। मैं इसी ताकत के आधार पर कहता हूं कि हम ‘विकसित भारत’ के संकल्प को सफलतापूर्वक आगे बढ़ा सकते हैं।”

 

उन्होंने महात्मा गांधी के डांडी सत्याग्रह को उस वक्त की क्रांति करार देते हुए कहा कि बीते सात आठ साल में 13.5 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकाल लिया गया है और ये नव मध्य वर्ग विकास की आकांक्षा से लबरेज है। यह एक बड़ा बाज़ार भी है और आगे जाने की इच्छा से युक्त आकांक्षी समाज है। उन्होंने मध्य प्रदेश के शहडोल जिले में एक गांव में फुटबॉल का बुखार और महिला स्वसहायता समूह में एक आदिवासी महिला का आगे बढ़ने की जिजीविषा का वर्णन किया और कहा कि आने वाले समय में स्वसहायता समूह की दो करोड़ महिलाओं को लखपति बनाने का लक्ष्य रखा है।

 

उन्होंने यह भी कहा कि हर राज्य में कम से कम एक शहर को उस राज्य की अर्थव्यवस्था का इंजन मानकर विकसित करना चाहिए और यह लक्ष्य लेकर चलना चाहिए कि अर्थव्यवस्था एक निश्चित अवधि में कितने गुना बढ़नी चाहिए।

 

भाजपा मुख्यालय में वर्ष 2017 के बाद पहली बार आयोजित इस दीवाली मिलन समारोह में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह, केन्द्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, अश्विनी वैष्णव, भाजपा के महासचिव विनोद तावड़े एवं राधामोहन अग्रवाल, भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनिल बलूनी एवं सह प्रभारी संजय मयूख, प्रवक्ता गौरव भाटिया, संबित पात्रा, प्रेम शुक्ला, के के शर्मा आदि भी उपस्थित थे।