बांग्ला के नए सिनेमा की तीन धाराएं सत्यजित रॉय, ऋत्विक घटक और मृणाल सेन हैं। तीनों ने जीवन पर्यंत बांग्ला सिनेमा को अंतरराष्ट्रीय पहचान देने का काम किया। देश में समानांतर सिनेमा की बुनियाद रखकर अमर होने वाले मृणाल सेन की 14 मई को जयंती है। उन्होंने सिनेमा पर कई पुस्तकें भी लिखीं। इनमें ‘न्यूज ऑन सिनेमा’ और ‘सिनेमा आधुनिकता’ चर्चित हैं।

मृणाल सेन ने फिल्म निर्देशन की शुरुआत 1956 में बांग्ला फिल्म ‘रात भोरे’ से की। 1958 में उनकी दूसरी सफल फिल्म ‘नील आकाशेर नीचे’ आई। 1960 में उनकी फिल्म ‘बाइशे श्रावण’ आई। यह फिल्म 1943 में बंगाल में आए भयंकर अकाल पर केंद्रित थी। फिल्म ‘आकाश कुसुम’ (1965) से मृणाल सेन की पहचान महान निर्देशक की बनी। उनकी अन्य सफल बांग्ला फिल्में हैं- ‘इंटरव्यू’, ‘कलकत्ता ’71 और ‘पदातिक’। मृणाल सेन की कई फिल्मों में कोलकाता शहर का प्रमुखता से चित्रण है। उन्होंने कोलकाता को एक चरित्र और एक प्रेरणा के रूप में जिया और उसे सिनेमा में दिखाया।

बांग्ला फिल्मों की तरह ही मृणाल सेन हिन्दी फिल्मों में भी समान रूप से सक्रिय रहे। हिन्दी में उनकी पहली फिल्म 1969 में बनी ‘भुवन शोम’ है। यह हास्य कथा है। इसमें एक अड़ियल रईसजादे को एक पिछड़ी हुई ग्रामीण महिला सुधारने की कोशिश करती है। साथ ही, यह फिल्म वर्ग-संघर्ष और सामाजिक बाधाओं की कहानी भी प्रस्तुत करती है। माना जाता है कि इस फिल्म से भारत में नई धारा सिनेमा आंदोलन की शुरुआत हुई।

इसके बाद उन्होंने जो भी फिल्में बनाईं, वे अनिवार्य रूप से राजनीतिक हैं। मार्क्सवाद के समर्थक सेन ने राजनीतिक अशांति को भी बड़े परदे पर दिखाने के प्रयास किए। मृणाल सेन को भारत सरकार ने 1981 में कला के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। उन्हें 2005 में दादा साहब फाल्के पुरस्कार से नवाजा गया। उनको 1998 से 2000 तक मानद संसद सदस्यता भी मिली। उन्हें सर्वश्रेष्ठ फिल्म का राष्ट्रीय पुरस्कार चार बार मिला। अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोहों में भी उन्हें कई पुरस्कार मिले। उनमें फिल्म ‘खारिज’ के लिए कान्स में ‘द प्रिक्स ड्यू ज्यूरी’ सम्मान भी शामिल है।

साल 2004 में मृणाल सेन ने अपनी आत्मकथा ‘ऑलवेज बिंग बार्न’ पूरी की। 2008 में उन्हें ओसियन सिने फैन फेस्टिवल और इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ने ‘लाइफ टाइम अचीवमेंट’ सम्मान से सम्मानित किया। 1982 में वे 32वें बर्लिन अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह में निर्णायक मंडल के सदस्य थे। 1983 में वे 13वें मास्को इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में निर्णायक मंडल के सदस्य थे।

मृणाल सेन की प्रमुख फिल्में हैं- रात भोरे, नील आकाशेर नीचे, बाइशे श्रावण, पुनश्च, अवशेष, प्रतिनिधि, अकाश कुसुम, मतीरा मनीषा, भुवन शोम, इच्छा पुराण, इंटरव्यू, महापृथ्वी, अंतरीन, 100 ईयर्स आफ सिनेमा, एक अधूरी कहानी, कलकत्ता 1971, बड़ारिक, कोरस, मृगया, ओका उरी कथा, परसुराम, एक दिन प्रतिदिन, चलचित्र, खारिज, खंडहर, एक दिन अचानक आदि। बंगाल की जिस त्रयी के कथानकों ने बांग्ला सिनेमा को विश्वस्तर पर पंहुचाया, उनमें 14 मई, 1923 को जन्मे और 30 दिसंबर, 2018 को दिवंगत हुए मृणाल सेन आखिरी बड़े कथानक के तौर पर याद किए जाते रहेंगे।

महत्वपूर्ण घटनाचक्र

1702ः नीदरलैंड और इंग्लैंड ने स्पेन और फ्रांस के खिलाफ युद्ध की घोषणा की।

1811ः पराग्वे स्पेन की पराधीनता से मुक्त।

1879ः थॉमस एडिसन यूरोप की एडिसन टेलीफोन कंपनी से जुड़े।

1908ः पहली बार किसी व्यक्ति ने हवाई जहाज में उड़ान भरी।

1941ः 36,000 परशियन यहूदी गिरफ्तार।

1944ः ब्रिटिश सैनिकों ने कोहिमा पर कब्जा किया।

1948ः इजराइल ने ब्रिटेन से स्वतंत्रता की घोषणा की।

1963ः कुवैत संयुक्त राष्ट्र का 111 वां सदस्य बना।

1973ः अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने सेना में महिलाओं के समान अधिकार को मंजूरी दी।

1981ः नासा ने स्पेश व्हीकल एस-192 लांच किया।

1999ः सदी के आखिरी विश्व क्रिकेट कप की लॉडर्स (इंग्लैंड) में शुरुआत।

1999ः पाकिस्तान के पत्रकार जनम सेठी की पत्रिका फाइडे टाइम्स की जब्ती।

2001ः भारत और मलेशिया में सात समझौते।

2004ः डेली मिरर ने ईराक में युद्धबंदियों पर कथित अत्याचार को दर्शाने वाली झूठी तस्वीरों के प्रकाशन पर ब्रिटेन से माफी मांगी।

2006ः पूर्व कम्यूनिस्ट नेता गिओर्गिओ नैपोलितानो इटली के नए राष्ट्रपति निर्वाचित।

2007ः जापान ने अपने शांतिवादी संविधान में संशोधन सम्बन्धी विधेयक को मंजूरी दी।

2010ः भारत-रूस के बीच रक्षा, परमाणु ऊर्जा, अंतरिक्ष, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, हाइड्रोकार्बन, व्यापार एवं निवेश आदि में 22 समझौते।

2012ः इजराइल की जेलों में बंद 1500 फिलीस्तीनी कैदी भूख हड़ताल समाप्त करने पर सहमत।

जन्म

1883ः प्रसिद्ध न्यायविद और शिक्षाशास्त्री अल्लादि कृष्णास्वामी अय्यर।

1892ः प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी और राजनीतिक कार्यकर्ता अरुण चन्द्र गुहा।

1923ः भारतीय फिल्मों के प्रसिद्ध निर्माता और निर्देशक मृणाल सेन।

निधन

1963ः महान भाषाविद और प्रख्यात विद्वान आचार्य रघुवीर।

2010ः ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित मराठी कवि विंदा करंदीकर।

2023ः पोकर के गॉडफादर डॉयल ब्रूनसन।