पुरखों की सीख बने जीवन की लीक: श्रीजी
अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन की संगोष्ठी
कोलकाता, 7 फरवरी। प्रख्यात कथावाचक श्रीनिवास शर्मा”श्रीजी ” ने कहा कि मारवाड़ी समाज ने कौड़ी से करोड़पति बनने तक की यात्रा बड़ी मुश्किलों से हजारों अवरोधों को पार करते हुए अपनी खुद्दारी और स्वाभिमान से तय की है। इस समाज के पुरखों ने अपनी जीवन-शैली और व्यवहार से पूरे देश और दुनिया में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई। वे अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन की ओर से आयोजित “कौड़ी से करोड़पति बनने की यात्रा गाथा” शीर्षक गोष्ठी में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा मारवाड़ी का आदर्श वाक्य था-“मोटा खाना, मोटा पहनना”, संचय को सर्वोच्च प्राथमिकता देना, सर्वधर्म समभाव को आदर्श मानना तथा सदैव नवीन योजनाओं को अपनाना”। “सादा जीवन उच्च विचार ” को पाथेय बनाकर इस समाज ने पूरी दुनिया को अपना मुरीद बना लिया। राजस्थान की समृद्ध संस्कृति, भाषा, खान-पान, पोशाक, शौर्य और आतिथ्य इतिहास के गौरवशाली अध्याय को मस्तिष्क में रखकर ही मारवाड़ी होने पर गर्व करना चाहिए।
श्रीजी ने कहा कि समृद्धि के साथ बुद्धि स्थिर रहे तभी बात बनती है। मारवाड़ी अंधानुकरण का कुफल भोग रहा है। विकृति को संस्कृति मानने की भूल ने समाज में विभेद पैदा किया है। एक समय संयुक्त परिवार व्यवस्था के तहत बड़े-बड़े व्यापारिक साम्राज्य स्थापित करने वाले मारवाड़ी का आज छोटे-छोटे व्यवसाय को संचालित करने में दम निकल रहा है।
श्रीजी ने कहा समय की मांग है मारवाड़ी सोच बदलकर, आत्मीयता फैलाकर, अन्वेषी बनकर दुनिया के सिरमौर बनें।
संस्कार – संस्कृति चेतना उपसमिति के चेयरमैन संदीप गर्ग ने कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों के स्वागत और संवर्धना से किया। कोलकाता के उद्योग और सामाजिक क्षेत्र के महत्वपूर्ण लोगों की उपस्थिति जिनमें पद्मश्री प्रहलाद राय अग्रवाल, श्याम सुंदर बेरीवाल, महावीर प्रसाद मानकसिया, भगवान दास अग्रवाल, आत्माराम सोंथलिया, कुंजबिहारी अग्रवाल, संतोष सराफ, बाबूलाल धनानिया, भानीराम सुरेका, सुशील कुमार चौधरी, महेंद्र अग्रवाल, श्रीमती अमिता दवे, श्रीमती पुष्पा चोखानी आदि का स्वागत और अभिनंदन किया गया।
अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवकुमार लोहिया और राष्ट्रीय महासचिव कैलाश पति तोदी ने अपने संबोधन में कहा कि ऐसे आयोजनों की आज बहुत जरूरत है। मारवाड़ी सही मायने में विश्व नागरिक है जिसने व्यापार – वाणिज्य से लेकर बड़े ओहदों की नौकरी तक पूरी दुनिया में अपनी सफलता का परचम लहराया है। विसंगतियों पर काबू पा ले तो इस समाज की कोई सानी नहीं है। आयोजन को सफल बनाने में संयोजक राजेश अग्रवाल, मदन गोपाल राठी, पवन भुवानिया, अमित मूंधड़ा, दर्शना गर्ग , मोहिनी अग्रवाल, ममता जैन, वर्षा डागा, संजू अग्रवाल, लता अग्रवाल, अनिता अग्रवाल सहित समाज के विभिन्न वर्गों की महिलाओं की प्रमुख भूमिका रही।