रायपुर/नागपुर, 21 जनवरी। अयोध्या के राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा में अब कुछ ही घंटे बचे हैं, लेकिन इस बीच नक्सलियों की ओर से समारोह का विरोध करने वाले पर्चे सामने आए हैं। माओवादी सेंट्रल कमेटी के प्रवक्ता अभय ने एक पर्चा जारी कर राम मंदिर में प्रस्तावित समारोह का विरोध किया है। दूसरी तरफ नक्सलियों की महिला विंग दंडकारण्य क्रांतिकारी आदिवासी महिला संघ ने भी राम मंदिर समारोह के बहिष्कार का आह्वान किया है।
नक्सलियों की सेंट्रल कमेटी ने 12 जनवरी को एक पर्चा जारी कर राम मंदिर समारोह का विरोध किया है। पर्चे में कहा गया है कि अयोध्या में धार्मिक आयोजन से केंद्र सरकार को चुनावी फायदा होगा। नक्सलियों ने भी कार्यक्रम का विरोध करते हुए आरोप लगाया है कि यह संघ परिवार और बीजेपी का कार्यक्रम है। नक्सलियों की महिला विंग ‘दंडकारण्य क्रांतिकारी आदिवासी महिला संघ’ ने बेहद आपत्तिजनक भाषा में विरोध करते हुए समारोह के बहिष्कार का आह्वान किया है।
पुलिस के अनुसार नक्सलियों के विरोध का असली कारण ‘राम वन गमन पथ’ है। वनवास के दौरान श्री राम के गुजरने वाले क्षेत्र में 2 हजार 260 किमी लंबा ‘राम वन गमन पथ’ बनाने का निर्णय लिया गया है। केंद्र सरकार अयोध्या से श्रीलंका तक यह पथ बनाने जा रही है। इस परियोजना में उस क्षेत्र का विकास किया जाएगा, जहां भगवान श्रीराम रुके थे। पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि ‘राम वन गमन पथ’ का एक बड़ा हिस्सा छत्तीसगढ़ की उत्तरी सीमा से दक्षिणी सीमा तक जाता है। इस मार्ग पर सुकमा, नारायणपुर, बीजापुर, जगदलपुर, बस्तर जिले हैं, जो नक्सलियों के प्रभाव वाले क्षेत्र हैं।
कुल मिलाकर राम वन कॉरिडोर को लेकर नक्सलियों को डर है कि यह उनके प्रभाव क्षेत्र में नई विकास योजनाओं को लाने और उनके प्रभाव को कम करने का जरिया बन जाएगा। नतीजन नक्सली नहीं चाहते कि राम वन कॉरिडोर उनके प्रभाव क्षेत्र में बने।