हैदराबाद, 17 जुलाई। प्रतिबंधित संगठन सीपीआई (माओवादी) में लगभग चार दशकों तक काम करने के बाद गुरुवार को एक वरिष्ठ माओवादी दंपति ने तेलंगाना पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया।

जन नाट्य मंडली के वरिष्ठ नेता और संस्थापक, दंडकारण्य स्पेशल जोन कमेटी के सचिवालय सदस्य संजीव उर्फ लेंगु दादा और उनकी पत्नी राज्य समिति सदस्य पेरुगुला पार्वती उर्फ बोंथला पार्वती उर्फ दीना ने राचाकोंडा पुलिस आयुक्त सुधीर बाबू के सामने आत्मसमर्पण किया। इस अवसर पर दंपति ने तेलंगाना के माओवादियों से आग्रह करते हुए कहा कि वे अपने पैतृक गांवों में लौट आएं। लड़ने की जरूरत नहीं है।

पुलिस आयुक्त ने कहा कि 45 साल भूमिगत रहने के बाद संजीव और उनकी पत्नी की मुख्यधारा में वापसी माओवादी आंदोलन के प्रति तेलंगाना पुलिस की समग्र और व्यापक रणनीति की जीत है। वे तेलंगाना के सभी भूमिगत माओवादियों से अपने-अपने गांव लौटने का आग्रह करते हैं। उन्होंने कहा कि सीपीआई (माओवादी) आंदोलन छोड़कर मुख्यधारा में शामिल होने वाले प्रत्येक माओवादी को तेलंगाना सरकार द्वारा घोषित पुनर्वास योजना के तहत लाभ प्रदान किए जाएंगे।

पुलिस आयुक्त सुधीर बाबू ने लोगों से, खासकर युवाओं से ऐसे तत्वों के बहकावे में न आने की अपील की। उन्होंने कहा कि युवाओं में जागरूकता के कारण माओवादी संगठन में भर्ती रुक गई है। उन्होंने कहा कि कोई भी शिक्षित युवा माओवादी पार्टी में शामिल नहीं हो रहा है। लोगों ने हिंसा को बढ़ावा देने वाली विचारधारा को नकार दिया है।

मेडचल मल्काजगिरी जिले के यप्रल के मूल निवासी संजीव 1980 में भाकपा (माले) पीपुल्स वार में शामिल हुए। दंडकारण्यम में चैतन्य नाट्य मंडली में काम किया। उन्होंने विभिन्न सार्वजनिक सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करके तेलंगाना के शीर्ष नेता वामपंथी गद्दार के एक प्रमुख अनुयायी के रूप में काम किया। 2002 में इलापुर में हुई गोलीबारी की घटना में वो बच निकले थे।