नई दिल्ली, 31 अक्टूबर। शुक्रवार यानि 1 नवंबर से मैसेज ट्रेसिबिलिटी और मनी ट्रांसफर से जुड़े कई नियमों में बड़े बदलाव होने जा रहे हैं। ये बदलाव क्रेडिट कार्ड से लेकर मनी ट्रांसफर और यूपीआई लाइट तक में किए जाएंगे, जिनका असर आम लोगों पर पड़ेगा।

यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) लाइट प्लेटफॉर्म पर कल से दो बड़े बदलाव होने जा रहे हैं। इन बदलावों के कारण यूपीआई लाइट का इस्तेमाल करने वाले लोग पहले की तुलना में अधिक पेमेंट कर सकेंगे, क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक ने इसकी ट्रांजेक्शन लिमिट बढ़ा दी है। इसी तरह दूसरे बदलाव के तहत 1 नवंबर से मैन्युअल टॉपअप की जगह ऑटो टॉपअप फीचर शुरू हो जाएगा। ऐसा होने पर यूजर का यूपीआई लाइट बैलेंस तय सीमा से नीचे जाने की स्थिति में नए ऑटो टॉपअप फीचर से पैसे ऐड हो जाएंगे। इस तरह यूपीआई लाइट की मदद से बिना रुके पेमेंट किया जा सकेगा।

इसी तरह भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा घरेलू स्तर पर मनी ट्रांसफर के लिए बनाए गए नए नियम भी कल से लागू हो जाएंगे। इन नियमों की मदद से फ्रॉड के लिए बैंकिंग चैनल्स के दुरुपयोग पर रोक लगाई जा सकेगी। कल से ही म्युचुअल फंड के नए इनसाइडर ट्रेडिंग के नियम भी लागू हो जाएंगे। इन नए नियमों के अनुसार ऐसेट मैनेजमेंट कंपनियों के फंड में नामित किए गए लोगों और उनके करीबी रिश्तेदारों द्वारा किए गए 15 लाख रुपये से अधिक के ट्रांजेक्शन की जानकारी देना आवश्यक कर दिया गया है।

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने भी अपने सभी अनसिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड पर फाइनेंस चार्ज को अपडेट कर दिया है। अब 1 नवंबर से अनसिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड पर मासिक आधार पर 3.75 प्रतिशत की दर से फाइनेंस चार्ज लिया जाएगा। हालांकि ये फाइनेंस चार्ज डिफेंस जैसी कुछ खास श्रेणियाें पर लागू नहीं होगा।

एक नवंबर से नियमों में जो बड़े बदलाव होने वाले हैं, उनमें एक बदलाव मैसेज ट्रेसिबिलिटी का भी है। मैसेज ट्रेसिबिलिटी नियम के तहत टेलीकॉम कंपनियां अपने स्तर पर फर्जी या संदिग्ध नंबरों की पहचान करके उन्हें ब्लॉक करेंगी, ताकि ऐसे संदिग्ध नंबरों द्वारा यूजर्स तक मैसेज की डिलीवरी ना हो सके। केंद्र सरकार ने एक आदेश जारी करके देश की तमाम टेलीकॉम कंपनियों को मैसेज ट्रैकिंग लागू करके स्पैम मैसेज को ट्रैक करने और उनको ब्लॉक करने का निर्देश दिया है। ये नियम भी कल यानि 1 नवंबर से लागू हो जाएगा।