नई दिल्‍ली 07 अगस्‍त । लोकसभा ने गुरुवार को भारी हंगामे के बीच मणिपुर सरकार को जीएसटी एकत्र करने में सक्षम बनाने के लिए मणिपुर वस्तु एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2025 और मणिपुर बजट पारित कर दिया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि यह विधेयक उस अध्यादेश का स्थान लेगा, जो राज्य में राष्ट्रपति शासन के कारण लाया गया था। उन्‍होंने कहा कि ये विधयेक मणिपुर वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 में संशोधन करता है।

लोकसभा ने मणिपुर विनियोग (संख्या 2) विधेयक, 2025 को भी अपनी मंजूरी दे दी है। ये विधेयक वित्‍त वर्ष 2025-26 की सेवाओं के लिए मणिपुर राज्य की संचित निधि से कुछ राशियों के भुगतान और विनियोग को अधिकृत करता है। इस पर चर्चा के दौरान वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत सरकार दो हजार 898 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बजटीय परिव्यय प्रदान करेगी, जिसमें से एक हजार 667 करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय होंगे। वित्‍त मंत्री ने कहा कि राज्य की बेहतरी और विकास के लिए अतिरिक्त धनराशि आवश्यक है।

उन्होंने इस विधयेक को पेश करते समय सदन को बताया कि शिविरों में रह रहे लोगों के पुनर्वास के लिए 523 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए जाएंगे। मणिपुर में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने के लिए 542 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं। उन्‍होंने सदन की कार्यवाही बाधित करने के लिए विपक्ष की आलोचना करते हुए कहा कि विपक्ष मणिपुर के लिए घड़ियाली आंसू बहा रहा है और सदन में बजट पर चर्चा नहीं होने दे रहा है। लोकसभा ने विपक्ष के शोरगुल के बीच दोनों विधेयक को बिना चर्चा के पारित कर दिए।

इससे पहले केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में मणिपुर माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2025 पेश किया। इस विधयेक को पेश करते समय उन्‍होंने सदन को बताया क‍ि इसका उद्देश्य मणिपुर माल और सेवा कर अधिनियम, 2017 में और संशोधन करना है। उन्होंने मणिपुर वस्तु एवं सेवा कर (संशोधन) अध्यादेश, 2025 को तत्काल लागू करने के कारणों को दर्शाते हुए एक व्याख्यात्मक वक्तव्य भी प्रस्तुत किया।

वित्‍त मंत्री ने कहा कि यह एक संवैधानिक आवश्यकता है। अगर यह विधेयक पारित नहीं होता है, तो राज्य को जीएसटी परिषद द्वारा लंबे समय से अनुमोदित जीएसटी संशोधनों को लागू करने में कठिनाई होगी, जिससे राजस्व प्रभावित होगा। सीतारमण ने कहा कि मणिपुर जीएसटी संशोधन विधेयक राज्य की सेवा के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, ताकि वह जीएसटी परिषद द्वारा अनुमोदित वस्तुओं पर जीएसटी एकत्र कर सके। सीतारमण ने कहा कि यह विधेयक उस अध्यादेश का स्थान लेगा जो राज्य में राष्ट्रपति शासन के कारण लाया गया था।