रक्षा प्रौद्योगिकी और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े अनुसंधान एवं नवाचार को मिलेगी नई दिशा

आईआईटी, आईआईएससी, ट्रिपल आईटी और एनआईटी जैसे शीर्ष संस्थान हाेंगे एक मंच पर

कोलकाता, 22 अगस्त। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) खड़गपुर ने अपने 75वें स्थापना दिवस पर ‘मानेकशॉ सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर नेशनल सिक्योरिटी स्टडीज एंड रिसर्च’ की शुरुआत की। इसका उद्घाटन लेफ्टिनेंट जनरल (डॉ.) सुब्रत साहा और आईआईटी खड़गपुर के निदेशक प्रो. सुमन चक्रवर्ती ने संयुक्त रूप से किया।

संस्थान के प्रवक्ता प्रतीक दामा ने शुक्रवार को बताया कि यह केंद्र रक्षा प्रौद्योगिकी और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े अनुसंधान एवं नवाचार को बढ़ावा देने के लिए आईआईटी, आईआईएससी, ट्रिपल आईटी और एनआईटी जैसे शीर्ष संस्थानों को एक साझा मंच पर लाएगा। इसकी परिकल्पना जनरल साहा और आईआईटी खड़गपुर के पूर्व छात्र प्रो. सुकुमार नंदी ने की थी। अब यह पहल भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के संरक्षण में ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में एक बड़ी पहल मानी जा रही है।

मानेक शॉ सेंटर सशस्त्र बलों और सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक सिंगल विंडो प्लेटफॉर्म बनेगा। डीआरडीओ, अनुसंधान संस्थानों, उद्योग जगत और स्टार्टअप्स के साथ मिलकर यह केंद्र अत्याधुनिक तकनीक विकसित करेगा और अनुसंधान को व्यावहारिक उत्पादों में बदलने पर काम करेगा। इसके साथ ही, उभरती तकनीकों और भविष्य के युद्धों पर विशेष पाठ्यक्रम और संवाद श्रृंखला भी आयोजित की जाएगी।

लेफ्टिनेंट जनरल (डॉ.) सुब्रत साहा ने कहा कि, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, साइबर टेक्नोलॉजी, ऑटोनोमस सिस्टम्स और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियां युद्ध के तौर-तरीकों को तेजी से बदल रही हैं। इस बदलाव के साथ चलने के लिए पूरे राष्ट्र की भागीदारी और नवाचार अनिवार्य है।”

आईआईटी खड़गपुर के निदेशक प्रो. सुमन चक्रवर्ती ने कहा कि, मानेकशॉ सेंटर आत्मनिर्भर रक्षा अनुसंधान के लिए परिवर्तनकारी कदम है। आईआईटी खड़गपुर हेल्थकेयर टेक्नोलॉजी, हार्डवेयर सुरक्षा, बैटरी और रक्षा में एआई जैसे क्षेत्रों में नेतृत्व करेगा। शैक्षणिक जगत, उद्योग और सशस्त्र बलों के सहयोग से हम ‘भारतीय युद्धों को भारतीय समाधानों’ से जीत सकते हैं।————————–