कोलकाता, 2 जनवरी । पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस में युवा बनाम बुजुर्ग नेताओं के बीच चल रही जंग में अब खुद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने डैमेज कंट्रोल की कोशिशें शुरू कर दी है।
तृणमूल कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने मंगलवार को बताया कि सीएम ने स्पष्ट तौर पर पार्टी के हर स्तर के नेताओं को इस इस मामले में अनावश्यक बयान बाजी से बचने की नसीहत दी है। जिसमें ऐसा संदेश जाए जैसे नए बनाम पुराने के बीच विवाद चल रहा है। इसकी शुरुआत सबसे पहले अभिषेक बनर्जी से की गई है।
पहली जनवरी के दिन तृणमूल कांग्रेस के स्थापना दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अभिषेक बनर्जी के साथ अलग से बैठक की है। दोनों की बैठक सीएम के आवास पर हुई है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि दोनों के बीच करीब 2 घंटे तक बैठक हुई।
वैसे तो यह सौजन्य मुलाकात थी क्योंकि साल का पहला दिन था और पार्टी का स्थापना दिवस भी लेकिन ममता बनर्जी के आवास पर पहले से कई अन्य नेता मौजूद थे। सीएम ने अभिषेक बनर्जी को इस बात की नसीहत दी कि लोकसभा चुनाव करीब है और पार्टी के अंदर नए बनाम पुराने की जंग नहीं होनी चाहिए। दोनों ही स्तर के नेता राष्ट्रीय स्तर पर लड़ाई के लिए जरूरी हैं।
ममता ने अभिषेक से कहा है कि बुजुर्ग नेताओं का अनुभव और नए नेताओं का जोश ही तृणमूल कांग्रेस का भविष्य होगा। ऐसे में इस तरह की जंग पर तत्काल विराम लगना चाहिए। उन्होंने अभिषेक से यह भी कहा कि पार्टी में उनके जो समर्थक नेता हैं उन्हें एक बार इस बारे में सचेत कर दिया जाए। सूत्रों ने यह भी बताया है कि अभिषेक बनर्जी ने दुर्गा पूजा के बाद से पार्टी के किसी भी बड़े कार्यक्रम में मुख्य रूप से हिस्सा नहीं लिया है।
पिछले साल जुलाई महीने में 21 जुलाई को शहीद दिवस के मौके पर उन्होंने भाजपा नेताओं के घरों के घेराव का आह्वान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से पूछे बगैर कर दिया था जिसे लेकर खूब किरकिरी हुई थी और हाई कोर्ट से भी फटकार लगी थी।
उसके बाद से दुर्गा पूजा आई और पार्टी के किसी भी बड़े कार्यक्रम में वह सक्रिय रूप से शामिल नहीं हुए। इसे उनकी नाराजगी बताई जा रही थी। खबर है कि ममता ने इसे लेकर भी अभिषेक को पार्टी फोरम पर सक्रियता से काम करने की हिदायत भी है।
उल्लेखनीय हैं की पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुब्रत बख्शी ने स्थापना दिवस पर कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि अभिषेक बनर्जी मैदान छोड़कर नहीं हटेंगे। उनके इस बयान पर पार्टी प्रवक्ता कुणाल घोष ने आपत्ति जताई थी और कहा था कि सुब्रत बख्शी यह कहना चाहते हैं कि अभिषेक बैनर्जी मैदान छोड़कर भाग रहे हैं। यह ठीक नहीं है।