कोलकाता, 27 फरवरी । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मंगलवार को पुरुलिया में हुई सभा में जमकर हंगामा हुआ। इस हंगामे के लिए उन्होंने माकपा और भाजपा के कार्यकर्ताओं को दोषी ठहराया है।
ममता ने आरोप लगाया कि इन दोनों दलों के समर्थक उनकी सभा में आकर हंगामा कर रहे हैं। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि वह भी अब इन दोनों दलों की सभाओं में अपने लोगों को भेज कर हंगामा करवाएंगी।
जहां ममता बनर्जी की सभा चल रही थी, वहीं पास में महिला और पुरुषों का एक समूह विरोध प्रदर्शन कर रहा था। उनकी कई मांगे थी। उनके हाथों में प्ले कार्ड और बैनर, पोस्टर थे। ये सारे अस्थायी सरकारी कर्मचारी थे जिन्हें विभिन्न योजनाओं के तहत नियुक्त किया गया है। इन्हें देखकर ममता बनर्जी का गुस्सा फूट पड़ा। ममता ने कहा कि इन लोगों को जितना दें, उतना ही मांगते हैं।
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि इस तरह से विरोध प्रदर्शन मत करिए। अपना आवेदन लिख कर दीजिए। ममता ने कहा कि कुछ लोग जानबूझकर डिस्टर्ब करते हैं। ऐसे अगर कोई पब्लिक मीटिंग को डिस्टर्ब करेगा तो कानूनी कदम उठाया जाएगा। ममता बनर्जी ने कहा कि ये सब माकपा और भाजपा के लोग हैं जानबूझकर सभा को डिस्टर्ब कर रहे हैं। ममता ने कहा कि मैं भी अपने लोग भेजूंगी।
ममता के संबोधन शुरू करने के बाद भी विरोध प्रदर्शन जारी था। ममता ने भाषण रोककर एक पुलिस अधिकारी से कहा कि जो लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं उनके हाथों में जो कागज है वह लेकर आइए। इसके बाद पुलिस अधिकारी प्रदर्शन कर रहे लोगों के पास गया और कागज लाकर मुख्यमंत्री को दिया। ममता ने उसे पढ़कर कहा कि आप लोग स्थाई नौकरी मांग रहे हैं, यह संभव नहीं है। हां, आप लोग जो काम कर रहे हैं उसमें सेवानिवृत्ति की आयु 65 साल की जाए इसकी व्यवस्था मैं करुंगी।
ममता ने कहा कि किसी भी वित्तीय मांग को तुरंत पूरा नहीं किया जा सकता इसके लिए वित्त विभाग की सहमति की जरूरत पड़ती है। उन्होंने कहा कि मैं जो कहती हूं वह करती हूं। भाषण नहीं देती, इसलिए उतना ही कहूंगी जितना कर सकूं।