कोलकाता, 31 मार्च। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लोकसभा चुनाव में 400 से अधिक सीट जीतने के लक्ष्य का मखौल उड़ाते हुए उसे 200 सीट का आंकड़ा पार करने की चुनौती दी। ममता ने यह भी कहा कि वह नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को बंगाल में लागू होने नहीं देंगी।

तृणमूल सुप्रीमो ने कृष्णानगर इलाके में पार्टी उम्मीदवार महुआ मोइत्रा के लिए चुनाव प्रचार करते हुए कहा, ‘‘भाजपा कह रही है 400 पार, मैं उन्हें पहले 200 सीट का आंकड़ा पार करने की चुनौती देती हूं। वर्ष 2021 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने 200 से अधिक सीट लाने का आह्वान किया था, लेकिन उसे महज 77 पर रुकना पड़ा। इन 77 सीटों पर जीतने वाले कुछ लोग हमारे साथ आ गए हैं।’’

भाजपा को जुमला पार्टी बताते हुए तृणमूल सुप्रीमो ने उन पर सीएए के संबंध में झूठ फैलाने का आरोप लगाया और कहा, ‘‘सीएए पर मोदी की गारंटी शून्य गारंटी है।’’ उन्होंने इस महीने की शुरुआत में लगी चोट के बाद पहली रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘सीएए वैध नागरिकों को विदेशी बनाने का जाल है। केंद्र सरकार के झूठे वादे के जाल में न फंसे। अगर आप आवेदन करेंगे तो आपको पांच साल के लिए विदेशी ठहरा दिया जाएगा।’’

सीएए के लागू होने से मतुआ समुदाय को सबसे अधिक फायदा मिलने की उम्मीद है। ममता ने इस समुदाय से उन पर विश्वास करने का अनुरोध करते हुए कहा कि वह कभी किसी को भी आपकी नागरिकता छीनने नहीं देंगी। उन्होंने कहा, ‘‘मतुआ लोग, कृपया मुझ पर भरोसा रखिए। मैं किसी को भी आपकी नागरिकता छीनने नहीं दूंगी। क्या आप यह चाहते हैं या शांतिपूर्वक जीना चाहते हैं? सीएए के जरिए वे आपसे सबकुछ छीन लेंगे और आपको डिटेंशन केंद्र में रखेंगे।’’

भाजपा के खिलाफ लड़ाई में मोइत्रा की तारीफ करते हुए ममता ने कहा, ‘‘आप लोगों (मतदाताओं) द्वारा निर्वाचित होने के बावजूद महुआ मोइत्रा को अनौपचारिक ढंग से निष्कासित किया गया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने उन्हें इस सीट से पुन: नामांकित किया है। महुआ को इसलिए निष्कासित किया गया क्योंकि वह संसद में भाजपा के खिलाफ सबसे मुखर नेता थीं। आप लोगों को रिकॉर्ड मतों के अंतर से उनकी जीत सुनिश्चित करनी होगी।’’

ममता ने पश्चिम बंगाल में ‘‘भाजपा से हाथ मिलाने का आरोप विपक्षी गठबंधन इंडी गठबंघन के घटक दलों – मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और कांग्रेस की आलोचना की। उन्होंने कहा, ‘‘पश्चिम बंगाल में कोई इंडी गठबंधन नहीं है। माकपा और कांग्रेस बंगाल में भाजपा के लिए काम कर रहे हैं। मैंने यह गठबंधन बनाया था और इसे यह नाम दिया। चुनाव के बाद हम इस पर विचार करेंगे।’’

मुख्यमंत्री ने मतदाताओं से राज्य में वाम-कांग्रेस-आईएसएफ (इंडियन सेक्यूलर फ्रंट) गठबंधन के उम्मीदवारों के लिए वोट न करने का अनुरोध करते हुए कहा कि उनके लिए मतदान करने का मतलब भाजपा के लिए वोट करना है।