कोलकाता, 20 जनवरी । आर.जी. कर अस्पताल में डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या के मामले में दोषी को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बार फिर से फांसी की सजा की पुरजोर वकालत की है। सोमवार को, जिला दौरे पर रवाना होने से पहले उन्होंने कहा कि मैंने सबसे पहले फांसी की मांग करते हुए सड़कों पर प्रदर्शन किया था। राज्य की जनता भी यही चाहती है। पहले के कुछ मामलों में दोषियों को मौत की सजा मिली है। पुलिस ने बेहतरीन काम किया है। हालांकि, अदालत को फैसला सुनाने में समय लगता है, क्योंकि सभी पहलुओं की जांच जरूरी है।
ममता बनर्जी ने कुलतली, जयगांव और गुड़ाप के मामलों का उदाहरण देते हुए कहा कि उन मामलों में अदालतों ने दोषियों को मौत की सजा दी थी। उन्होंने आर.जी. कर मामले में पुलिस की भूमिका की सराहना की और कहा कि इस केस में भी सख्त सजा की जरूरत है।
पिछले साल नौ अगस्त को आर.जी. कर अस्पताल में हुए इस जघन्य अपराध के तीन दिन बाद मुख्यमंत्री ने पीड़िता के परिवार से मुलाकात की थी और दोषियों को जल्द से जल्द पकड़ने के निर्देश दिए थे। बाद में, अदालत के आदेश पर इस केस की जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी।
सोमवार को सियालदह कोर्ट ने सिविक वॉलंटियर संजय रॉय को उम्रकैद की सजा सुनाई। हालांकि, फांसी न मिलने पर पीड़िता के परिवार और कई लोगों में असंतोष है। ममता ने कहा कि दोषी को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए थी, लेकिन अदालत के निर्णय को मानना होगा।