
कोलकाता, 16 अप्रैल । मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को नेताजी इंडोर स्टेडियम में आयोजित वक्फ सभा के मंच से एक बार फिर स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) की नियुक्तियों को रद्द किए जाने के मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “26 हजार नौकरियां एकतरफा तरीके से रद्द कर दी गईं। न्याय की आवाज कई बार चुपचाप रोती है।” इसके साथ ही उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय पर भी पक्षपात का आरोप लगाया।
दरअसल, हाल ही में उच्चतम न्यायालय ने एसएससी 2016 की पूरी पैनल को “असंवैधानिक” और “संस्थागत भ्रष्टाचार” बताते हुए रद्द कर दिया था। इसके चलते एक झटके में राज्य के 26 हजार शिक्षक और गैर-शिक्षा कर्मी अपनी नौकरियों से हाथ धो बैठे। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि यह फैसला एकतरफा है और इसके पीछे एक साजिश है।
पिछले सोमवार को भी ममता बनर्जी ने नेताजी इंडोर स्टेडियम में एसएससी के उन उम्मीदवारों से मुलाकात की थी, जो नियुक्ति के लिए योग्य थे। उन्होंने भरोसा दिलाया था कि कोई भी योग्य उम्मीदवार अपनी नौकरी से वंचित नहीं रहेगा और इसके लिए वैकल्पिक योजनाएं तैयार की गई हैं। उन्होंने यह भी अपील की थी कि शिक्षक नियमित रूप से स्कूल जाएं और बच्चों को पढ़ाना जारी रखें। उन्होंने कहा था, “दो महीने तक थोड़ा कष्ट करें, लेकिन काम करते रहें।”
मुख्यमंत्री ने केंद्र द्वारा संसद में पारित वक्फ कानून का भी विरोध किया। उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने संसद में इस कानून का जोरदार विरोध किया था, लेकिन फिर भी उसे पारित कर दिया गया। ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि इस कानून के खिलाफ आंदोलन के नाम पर मुर्शिदाबाद जिले के कुछ हिस्सों में हिंसा फैलाई गई, जहां कांग्रेस के जीते हुए प्रतिनिधि हैं। उन्होंने इसे ‘प्रेरित अशांति’ करार दिया।